कश्मीर को पाने के लिये भारत को बदलनी होंगी अपनी सोच..!

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजीने कश्मिर को लेकर इतिहास बदल दिया। एक नया इतिहास का पन्ना उनके नाम हो गया। प्रधानमंत्रीने तो इतिहास बदला लेकिन क्या भारतने कश्मिर को लेकर अपनी सोच बदली या भारत के कुछ लोगों के लिये कश्मिर सिर्फ जमीन का टुकडा है जिसे खरीदने के लाखों मेसेज सोश्यल मिडिया में देखने को मिले। क्या कश्मिर की महिलायें कुछ हवसखोरों के लिये ऐयाशी का साधन है जो अनुच्छेद 370 हटते ही मानो कश्मिर की महिलाओं के साथ शादी करने के मेसेज शुरू हो गये। इसमें अन्यों के साथ भाजपा के मुजफ्फरपुर के विधायक विक्रम सैनी भी पिछे नहीं रहे। उन्होंने भाजपा के कार्यकरों को गोरी कश्मिर की महिलाओ से शादी करने के सलाह दे डाली। कश्मिर की महिलाओं के फोटो के साथ ऐसे कइ मेसेज या पोस्ट सोश्यल मिडिया में देखने को मिली जो भारत के लिये अशोभनीय है। क्या भारत के कइ लोग धारा 370 इसलिये हटाना चाहते थे की वे कश्मिर की महिलाओं से शादीयां कर सके…? क्या प्रधानमंत्रीजी ने ऐसे हवसखोरों के लिये और जमीन के दलालों के लिये धारा 370 हटाइ है…? कतइ नही। लेकिन धारा 370 क्या हटी भारत के कइ लोगों ने अपने घिनौने संस्कार के दर्शन करा दिये। प्रधानमंत्रीजीने कश्मिर के भाइ बहनो के विकास की बात कही है। लेकिन सोश्यल मिडिया ने कश्मिर की महिला के बारें में अशोभनीय बातें लिख कर घिनौना और विकृत तथा पिशाची आनंद लिया है। कश्मिर में चाह् इन दिनो इन्टरनेट बंद हो। उन तक खबरें पहुंच नहीं रही होंगी। लेकिन नेट क्या जीवनभर बंमंद रहेंगा। कभी न कभी तो अशोभनीय पोस्ट की जानकारी कश्मिरीयों तक पहुंचेगी या पहुंच भी चुकी होंगी तब उन्हें कैसा लगा होगा…? यही न की क्या भारत के लोग इसी मकसद के लिये कश्मिर को अपने साथ जोडना चाहते है…? भाजपा के खिलाफ लिखी कीसी सोश्यल मिडिया की पोस्ट को लेकर पुलिस कारवाइ होती है तो हमारे कश्मिर की महिलायों को लेकर जो अभद्र ओर अशोभनीय पोस्ट लाखो की संख्यामें डाली गइ क्या उसकी जांच नहीं होनी चाहिये…? क्या भाजपा अपने विधायक के खिलाफ कडे कदम उठायेंगी…? भारत को कश्मिर और कश्मिर की नारी शक्ति के लिये अपनी सोच बदलनी होंगी। लोग कश्मिर में जमीन का प्लोट लेने की बात करते है लेकिन क्या भारत ने ये कहा की हम कश्मिरीयों द्वारा बनी चीजें खरीदेंगे, ये कहा की हम कश्मिरी गालीचे अपने घरों में बिछायेंगे, क्या हमने ये कहा की कश्मिर की लडकियों को भारत की बडी शालाओं में मुफ्त में पढायेंगे…? नहीं न…बमने ये सबकुछ नहीं कहा जिससे कश्मिरीयों के दिल भारत के साथ रहने के लिये पिगले। सरकार को भी ये कहना और करना होंगा की सभी सरकारे कश्मिर में बने हेन्डीक्राफ्ट की चीजें खरीदे और उनके युवाओं को नजदिकी राज्यों में रोजगार मिले। दिल से दिल मिलाना है कस्मिर के लोगों के साथ। उनकी आबरू पर बुरी नजर नहीं डालनी है। कश्मिर और कश्मिरी नागरिक, स्वागत है आपका नये भारत में। वेलकम और दूध में सक्कर मिली ऐसे मिलायेंगे हम। स्वागत है आपका…!