अरावली के नो माइनिंग जोन में अवैध खनन बेखौफ जारी, पर्यावरण को पहुंच रहा भारी नुकसान

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के माइनिंग जोन में अवैध खनन के चलते हर रोज सरकारी खजाने को चपत लग रही है. वहीं यहां हो रहे अवैध खनन के चलते पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि चरखी दादरी जिले के कई माइनिंग जोन में तो अवैध खनन बेखौफ जारी है. यहां तक कि अरावली क्षेत्र में आने वाले एरिया में खनन माफिया ने सेंध लगाते हुए पहाड़ियों को चाटकर पत्थर बेचे जा रहे हैं.
वहीं गौचर व अरावली भूमि पर प्रतिबंध के बावजूद पेड़ों को काटकर अवैध रूप से रास्ते बनाए गए हैं. मामला सामने आने पर संबंधित विभाग द्वारा माइनिंग कंपनी को नाममात्र जुर्माना लगाकर फाइल को बंद कर दिया गया. बावजूद इसके माइनिंग जोन के साथ लगते प्रतिबंधित क्षेत्र में खनन माफिया द्वारा पहाड़ तोड़ने का सिलसिला बदस्तूर जारी है.
चरखी दादरी के गांव बादल व पिचोपा क्षेत्र की माइनिंग जोन में पत्थरों का अवैध खनन करने वालों की चांदी है. कई क्षेत्रों मे अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. इसके चलते सरकार को एक ओर जहां करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है तो वहीं आसपास के प्रतिबंधित अरावली क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हालांकि कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा छापेमारी के नाम पर खानापूर्ती भी की जाती रही है. इसके बावजूद अवैध कारोबार करने वालों पर खनन विभाग पूरी तरह से रोक नहीं लगा पा रहा है.
गांव बादल निवासी जगबीर सिंह, मा. राम सिंह, राकेश कुमार, जितेंद्र इत्यादि ने बताया कि उनके गांव की जमीन अरावली क्षेत्र में गौचर भूमि में शामिल है लेकिन खनन माफिया द्वारा प्रतिबंधित क्षेत्र में पेड़ काटकर अवैध रास्ते बनाए हैं. इतना ही नहीं बल्कि अरावली की पहाड़ियों को भी तोड़कर पत्थर निकाले जा रहे हैं. आरटीआई से मांगी गई सूचना के अनुसार उनके क्षेत्र में कहीं रास्ता नहीं है जबकि माइनिंग जोन से अवैध रास्ते में वाहन लगातार निकल रहे हैं.
माइनिंग जोन में अवैध रास्ता बनाने पर हुआ था जुर्माना
ग्रामीणों के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रास्ता बनाने की शिकायत पर संबंधित विभाग द्वारा एक माइनिंग कंपनी पर जुर्माना लगाया गया था. कंपनी द्वारा जुर्माना अदा किया जा चुका है, लेकिन अवैध रास्ता अभी तक बंद नहीं किया गया है.
जांच में सरपंच व दो विभागों के अधिकारी शामिल
ग्रामीणों के अनुसार प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ कटवाकर रास्ता बनवाने के मामले में एसडीएम द्वारा जांच की गई. एसडीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट में गांव बादल के सरपंच, वन राजिक अधिकारी व बीडीपीओ झोझू कलां को जानबूझकर कार्रवाई नहीं करने का दोषी माना गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों विभागों के अधिकारियों से मिलीभगत करके एक माइनिंग कंपनी को फायदा पहुंचने के उदद्देश्य से महज खानापूर्ति की गई है.