21 अगस्त को 5 हजार किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किय़ा जायेगा

21 अगस्त को 5 हजार किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किय़ा जायेगा
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कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत किसानों को राष्ट्रीय मानक के आधार पर जिला स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना के तहत लगभग 14 लाख कार्ड लाभुकों के बीच वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 21 अगस्त 2019 को टाना भगत स्टेडियम में 5 हजार किसानों के बिच मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किया जाएगा। इस अवसर पर 350 मिट्टी के डॉक्टरों को पहचानपत्र निर्गत किये जाएंगा साथ ही 120 मृदा परीक्षक एवं 120 रियेज्न्ट रिफिल का भी वितरण किया जायेगा। श्रीमती सिंघल आज सूचना भवन में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के संबंध में मीडिया को संबोधित कर रही थी।

मिनी लैब महत्वपूर्ण योगदान

इस अवसर पर कृषि सचिव श्रीमती पूजा सिंघल ने कहा कि कृषकों को डोर स्टेप पर निशुल्क मृदा विश्लेषण की सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार के वर्ष 2018 में 1864 मिनी लैब एवं मिनी लैब का 2600 अतिरिक्त रिफिल उपलब्ध कराया गया था। मृदा स्वास्थ्य कार्ड को तीव्र गति से कृषकों के बीच उपलब्ध कराने हेतु मिनी लैब महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है। मिनी लैब को सुगमता एवं दक्षता पूर्वक संचालित करने हेतु राज्य के प्रत्येक पंचायत में दो-दो प्रशिक्षित महिला समूह के सदस्य/ आर्य मित्र/ कृषक मित्र को प्राथमिकता के आधार पर सम्बद्ध किया जा रहा है। जिसे बोलचाल की भाषा में मिट्टी के डॉक्टर नाम दिया गया है।

श्रीमती सिंघल ने बताया कि इस योजना में कृषकों के खेतों से मिट्टी का नमूना का संग्रहण ग्रिडवार किया जा रहा है। ग्रिड के कमपोजिट सॉइल सैंपल का संग्रहण करते हुए ग्रीड अंतर्गत सभी कृषकों को मृदा विश्लेषण के उपरांत मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद

श्रीमती सिंघल बताया कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। राज्य में बहुत से ऐसे किसान हैं जो यह नहीं जानते कि अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए फसलों का पोषण किस प्रकार से किया जाना चाहिए। वे अपने अनुभव से फसल उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास करते हैं, फसल उत्पादन कम होने पर वे यह नहीं जानते कि मिट्टी की हालत को कैसे सुधारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मृदा के विश्लेषण द्वारा मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल प्राप्त करने हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड द्वारा फसलवार रासायनिक जैविक जीवाणु खाद तथा मृदा सुधार को जैसे चुना डेलामाइट आदि का समन्वित एवं संतुलित प्रयोग के बारे में मिट्टी के डॉक्टरों द्वारा जानकारी दी जाती है जिससे कृषक अपने उत्पादों में गुणवत्ता एवं वृद्धि प्राप्त कर सकें।

इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री छवि रंजन, सूचना एवं जनसंपर्क निदेशक श्री राम लखन प्रसाद गुप्ता, संयुक्त सचिव कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग श्री मंजुनाथ भजन्त्री एवं अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।

Admin

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