ड्रग्स मामला: निलंबित IPS अधिकारी साजी मोहन को कोर्ट ने सुनाई 15 साल की सजा

मुंबई
चंडीगढ़ के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व ज्वाईंट डायरेक्टर और निलंबित आईपीएस अधिकारी साजी मोहन को मुंबई के एनडीपीएस कोर्ट ने 15 साल की सजा सुनाई है। एनडीपीएस कोर्ट ने साजी मोहन के अलावा उनके बॉडी गार्ड को भी कोर्ट ने दोषी ठहराया है, जबकि एक अन्य आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया है। साजी को 15 साल और उनके बॉडीगार्ड राजेश कुमार को 10 साल की सजा सुनाई गई है। साजी मोहन को 2009 में महाराष्ट्र एटीएस ने ड्रग्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एटीएस ने साजी मोहन के ठिकानों से 40 किलोग्राम ड्रग्स जब्त होने का दावा किया था। दस सालों से साजी मोहन मु़ंबई की आर्थर रोड जेल में बंद है। इस मामले में एटीएस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें साजी का बॉडी गार्ड भी शामिल था। 2009 में महाराष्ट्र एटीएस को जानकारी मिली कि मुंबई में एक बडे ड्रग्स की खेप आने वाली है। इसी जानकारी के आधार पर एटीएस ने जाल बिछाकर एक ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया। उसकी पूछताछ में पता चला कि ड्रग्स का यह काला खेल काफी बड़ा है। पूछताछ में साजी मोहन के नाम का खुलासा होता है, पर एक आईपीएस अधिकारी पर हाथ डालना इतना आसान नहीं था। इसके लिए एटीएस ने कई दिनों तक साजी मोहन पर नजर रखी और मौकै पाते ही पुलिस ने एक फर्जी ग्राहक बन कर बड़ी मात्रा में ड्रग्स की एक डील फिक्स की और एटीएस के इस जाल में साजी मोहन रंगे हाथों पकड़ा गया।