पति के खिलाफ बेटी से दुष्कर्म की शिकायत फर्जी, पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज

चेन्नई
पति के खिलाफ 11 साल की बेटी के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला की शिकायत फर्जी निकली। अब आरोपी महिला के खिलाफ ही पॉक्सो ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने फैसला सुनाते हुए कहा, यह केस उन लोगों के लिए एक सबक होना चाहिए जो अपने निजी स्वार्थ के लिए पॉक्सो ऐक्ट की धाराओं का गलत इस्तेमाल करते हैं। पति और पत्नी दोनों अलग-अलग रह रहे हैं और कोर्ट का कहना है कि बच्चे की कस्टडी पाने के लिए पत्नी ने फर्जी केस दर्ज कराया। हाईकोर्ट के जस्टिस ने पति के खिलाफ आपराधिक केस खारिज करते हुए आरोपी पत्नी के खिलाफ पॉक्सो ऐक्ट के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने की सिफारिश की। इसमें अगर महिला दोषी पाई गई तो उसे छह महीने की सजा हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इससे पहले 2018 में पीड़ित पति ने हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत की गुहार लगाई थी। उसके खिलाफ दर्ज कराई गई थी कि वह अपनी बेटी का दुष्कर्म कर रहा है जिसके बाद पति को गिरफ्तार कर लिया गया था। महिला का आरोप था कि बच्ची प्रेग्नेंट हो गई थी और आयुर्वेदिक दवा से गर्भपात कराया गया। जस्टिस वेंकटेश ने मामले में जांच बैठाने का आदेश दिया था जिसमें यह केस फर्जी निकला। जस्टिस ने पीड़ित पति को अंतरिम जमानत दे दी। इसके बाद पति 2018 में उसके खिलाफ दर्ज हुए केस को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।