तमिलनाडु: साल भर बेरोजगार रहने के बाद ट्रांसजेंडर बनी रजिस्टर्ड नर्स

चेन्नई:
ट्रांसजेंडर को थर्ड जेंडर के रूप में भले ही सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिल गई हो लेकिन अभी भी उनकी राह में तमाम अड़चने खत्म नहीं हुई हैं। तमिलनाडु की एक ट्रांसजेंडर को एक साल तक बेरोजगार रहने के बाद आखिरकार नौकरी मिल गई है। ट्रांसजेंडर के लिए कोई कैटिगरी न होने की वजह से उन्हें कोर्ट कचहरी के चक्कर भी काटने पड़े। उनका कहना है कि ट्रांसजेंडर के जीवन में तरह-तरह की चुनौतियां होती हैं।चेन्नई की ट्रांसजेंडर रक्षिका राज की रजिस्टर्ड नर्स और दाई के रूप में भर्ती हुई है।
इससे पहले उन्हें एक साल तक बेरोजगार रहना पड़ा था। रक्षिका का कहना है, मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा क्योंकि रजिस्ट्रेशन के लिए कोई ट्रांसजेंडर कैटिगरी नहीं थी। रक्षिका ने बताया, मुझे कोर्ट में पिटीशन तक दाखिल करनी पड़ी और अब जाकर मुझे नौकरी मिली है। रक्षिका कहती हैं, चुनौतियां कई होंगी लेकिन हमें उठकर इन्हें लड़ना होगा और जगमगाना होगा।
2018 में शीतकालीन सत्र में ट्रांसजेंडर के अधिकारों से जुड़ा एक अहम बिल पारित किया गया था। यह बिल उनके अधिकारों को संरक्षित करता है जिस पर सदन ने मुहर लगाई थी। इस बिल में ट्रांसजेंडर को परिभाषित करने, उनके खिलाफ भेदभाव पर पाबंदी लगाने और उन्हें लिंग पहचान का अधिकार देने के प्रावधान शामिल हैं।