पाक: मुशर्रफ को सजा-ए-मौत की सजा, पाक सेना ने के फैसले की आलोचना

पाकिस्तान में विशेष अदालत ने देशद्रोह मामले में पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को सजा-ए-मौत सुनाई, लेकिन पाक सेना ने इस फैसले की आलोचना की। पाकिस्तानी बार काउंसिल (पीबीसी) इसके विरोध में उतर आई है। काउंसिल से जुड़े वकीलों ने कहा है कि यह स्पष्ट रूप से कानून और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। इस मामले में सेना और अदालत आमने-सामने आ गए हैं। तीन सदस्यों वाली विशेष अदालत ने 76 वर्षीय मुशर्रफ को मृत्युदंड दिया था जिसका पाक सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर ने विरोध किया था। अब सेना और अदालत एक-दूसरे के विरोध पर उतर चुके हैं। सेना ने अदालती फैसले को मानवीय, धार्मिक और सभ्यतागत मूल्यों के विरुद्ध बताया। पाक बार काउंसिल ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि हम इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक के उस बयान को खारिज करते हैं जिसमें विशेष अदालत के फैसले की आलोचना की है। पाकिस्तान बार काउंसिल (PCB) ने कहा, हम इस बात पर दृढ़ हैं कि महानिदेशक के बयान से सांविधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होता है जो अदालत की अवमानना है। बार काउंसिल के मुताबिक यदि फैसले में कुछ खामियां हैं तो उचित न्यायिक मंच पर इसे चुनौती दी जा सकती थी। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ गंभीर हृदय रोग से जूझ रहे हैं। लंदन में इलाज करा रहे नवाज की इस बीमारी का पता चला है। उनका स्कैन कराया जाएगा। नवाज के निजी चिकित्सक ने यह बात कही। डॉ. अदनान खान ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री नवाज की लंदन के रॉयल ब्रॉम्पटन एंड हेरफील्ड हॉस्पिटल में कार्डियोवैस्कुलर जांच की गई। वह जटिल कोरोनरी आर्टरी/इस्केमिक हृदय रोग से ग्रसित हैं। नवाज अपनी हृदय और हेमटोलॉजी जटिलताओं के लिए कई परीक्षणों से गुजर रहे हैं, क्योंकि डॉक्टर उनकी कम प्लेटलेट्स काउंट के कारण के इलाज में जुटे हैं। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद पिछले महीने 19 नवंबर को नवाज लंदन गए थे।