पीली धातु बनी निवेशकों की पहली पसंद

नई दिल्ली
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ई.टी.एफ.) में जनवरी में 202 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ। यह गोल्ड ई.टी.एफ. में 7 साल का सबसे बड़ा निवेश है। यानी कि पिछले 7 साल का रिकॉर्ड टूट गया है। विभिन्न प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय तनावों और वैश्विक सुस्ती के कारण निवेशकों ने सुरक्षित निवेश (इंवैस्ट)उपकरणों में निवेश बढ़ाया है। दिसम्बर, 2012 के बाद इस फंड में यह सबसे बड़ा निवेश है। दिसम्बर, 2012 में गोल्ड ई.टी.एफ. में 474 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था।
लगातार तीसरे महीने गोल्ड ई.टी.एफ. बिक्री से अधिक निवेश हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में गोल्ड ई.टी.एफ. में 202 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। दिसम्बर, 2019 में इस उपकरण में 27 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। इससे पहले नवम्बर, 2019 में इस सुरक्षित निवेश उपकरण में 7.68 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था। अक्तूबर, 2019 में गोल्ड ई.टी.एफ. में 31.45 करोड़ रुपए की बिक्री हुई थी। इससे भी पहले सितम्बर में इस फंड में 44 करोड़ रुपए और अगस्त में 145 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था।
मॉॄनगस्टार इन्वैस्टमैंट एडवाइजर इंडिया के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में तनाव और वैश्विक सुस्ती के माहौल के कारण गत एक साल में निवेशकों ने सोने जैसे सुरक्षित निवेशक साधनों में निवेश बढ़ाया है। चीन में कोरोना वायरस का प्रकोप बढऩे के कारण भी सुरक्षित निवेश के रूप में पीली धातु का आकर्षण बढ़ा है। ताजा निवेश के बाद गोल्ड फंड का एसैट अंडर मैनेजमैंट (ए.यू.एम.) 7.6 प्रतिशत बढ़कर जनवरी के अंत तक 6207 करोड़ रुपए का हो गया, जो दिसम्बर में 5768 करोड़ रुपए का था।
इसके साथ ही समग्र तौर पर म्यूचुअल फंड में जनवरी में 1.2 लाख करोड़ रुपए का निवेश और 61,810 करोड़ रुपए की बिक्री हुई। इसके कारण 44 कम्पनियों वाले एम.एफ. उद्योग का कुल ए.यू.एम. बढ़कर जनवरी के अंत में 27.85 लाख करोड़ रुपए हो गया जो दिसम्बर में 26.54 लाख करोड़ रुपए का था।