छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत 2.56 लाख परिवारों को दिया गया सौ दिनों का रोजगार

छत्तीसगढ़ में मनरेगा के तहत 2.56 लाख परिवारों को दिया गया सौ दिनों का रोजगार
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रायपुर

छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) में अब तक 11 करोड़ 25 लाख से अधिक मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। यह इस वर्ष के लिए निर्धारित 13 करोड़ मानव दिवस का 86.57 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 82.46 फीसदी है। प्रदेश के चार जिले ऐसे हैं जहां लक्ष्य से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है। इनमें बीजापुर, सुकमा, बालोद और जशपुर शामिल हैं।

इस साल अब तक दो लाख 56 हजार 373 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। प्रदेश में वर्तमान में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में 11 लाख 20 हजार से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं। लक्ष्य के विरूद्ध रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ अभी देश में नौवें स्थान पर है।

चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में बीजापुर जिले में 10 लाख 06 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 14 लाख 15 हजार, सुकमा में 22 लाख 74 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 25 लाख 93 हजार, बालोद में 56 लाख 31 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 58 लाख 87 हजार तथा जशपुर में 44 लाख छह हजार मानव दिवस के विरूद्ध 44 लाख 16 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है।

वहीं चार जिलों में लक्ष्य का 90 फीसदी से अधिक पूरा कर लिया है। रायपुर जिले में 42 लाख 29 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 41 लाख 97 हजार, मुंगेली में 36 लाख 43 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 35 लाख 25 हजार, दुर्ग में 29 लाख 61 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 27 लाख 96 हजार एवं दंतेवाड़ा में 13 लाख 79 हजार मानव दिवस के विरूद्ध 12 लाख 88 हजार मानव दिवस रोजगार मुहैया कराया गया है।

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