J&K : क्रिकेट का आसमां छूने चले जम्मू-कश्मीर के सितारे

जम्मू
जम्मू गत वर्ष पांच अगस्त में जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370-35ए समाप्त किया तो न केवल वहां के लोगों, खिलाड़ियों को अनिश्चितता के दौर से गुजरना पड़ा। फोन से संपर्क नहीं। अभ्यास कैसे व कहां जुटना है, कैसे रणनीति तैयार करनी है.. जैसी तमाम चीजें थीं। बावजूद जम्मू-कश्मीर की क्रिकेट टीम रणजी में ग्रुप सी में टॉप पर जगह बना क्वार्टर फाइनल में पहुंची है। मौजूदा समय में जारी कर्नाटक से मुकाबला कांटे का है, लेकिन राज्य टीम का लक्ष्य सेमीफाइनल का है।
यहां तक का सफर शानदार रहा। परवेज रसूल के नेतृत्व में टीम ने सीजन में नौ में से छह मैच जीते और दो ड्रॉ रहे। ये यहां के युवाओं का जोश और कोच इरफान पठान की कड़ी मेहनत है जिन्होंने राज्य टीम को मुकाम तक पहुंचाया। खिलाड़ी तराशने में काफी समय गुजरा: टीम से जुड़े अधिकारी और प्रशिक्षक बताते हैं कि ग्रुप सी के लीग मुकाबलों से निकलकर नॉकआउट तक पहुंचने के सफर में लंबी तैयारी और मेहनत लगी।
कश्मीर के आतंक पीड़ित क्षेत्रों से जम्मू तक युवा प्रतिभाओं की तलाश की मुहिम छेड़ी। बीसीसीआइ से विशेष जिम्मेदारी के साथ आए टीम के कोच और मेंटर इरफान पठान और कप्तान परवेज रसूल ने स्वयं कश्मीर में डेरा डाल 100 से अधिक क्रिकेटरों को चुना। जम्मू के अलावा अनंतगाम, पुलवामा, राजौरी और बडगाम जैसे क्षेत्रों के युवाओं को भी अवसर मिला। सुरक्षा गार्ड अब बन गया सितारा: जम्मू-कश्मीर के मंजूर डार ने हर संघर्ष में क्रिकेट को नियति बनाए रखा। घर की आर्थिक तंगी के कारण बीच में मंजूर को स्कूली शिक्षा छोड़नी पड़ी। निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड रहे।
टैलेंट सर्च में उनके लंबे छक्के लगाने की क्षमता देखकर चयनकर्ता प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। फिर उनकी किस्मत पलट गई। पिछले साल पंजाब किंग्स इलेवन ने 20 लाख के बेस प्राइस में खरीदा था। एक नवंबर, 1993 को जन्मे मंजूर ने वर्ष 2017 में घरेलू टी-20 में पर्दापण किया। गेंदबाजी से धार दे रहे मुजतुबा: अनंतनाग के बिजबिहाड़ा के मुजतबा युसूफ अपनी गेंदबाजी की धार से टीम को नई ऊंचाई देने में जुटे हैं।
पिछले साल कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम ने मेहमान गेंदबाज के रूप में कैंप के लिए आमंत्रित किया था। पुलवामा के उमर नाजिर मीर की गेंदबाजी टीम के लिए खास रही है। कुलगाम के रसिख सलाम इसी दौर में सामने आए। बाद में वह जन्मतिथि के विवाद में फंस गए। उन्हें मुंबई इंडियन से आइपीएल से खेलने का अवसर मिला था। 50 मुकाबले खेलने वाले सबसे युवा शुभम: राष्ट्रीय अंडर-19 टीम में जगह बनाने वाले जम्मू-कश्मीर के शुभम खजूरिया 50 मुकाबले खेलने वाले राज्य के सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं। 13 सितंबर, 1995 को जन्में शुभम ने 16 वर्ष की आयु में नवंबर 2011 को चार दिवसीय रणजी क्रिकेट मुकाबले में महाराष्ट्र के खिलाफ पदार्पण किया था।
शुभम ने वर्ष 2014-15 को चार दिवसीय रणजी ट्रॉफी में मुंबई के खिलाफ पहली पारी में यादगार 107 रन बनाकर करियर का पहला शतक बनाया था। दूसरी पारी में 78 रन बनाए थे। मुंबई को उसके मैदान में जम्मू-कश्मीर ने चार विकेट से हराकर इतिहास रचा था। शुभम को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था।
शुभम ने 2018-19 में विजय हजारे ट्रॉफी के नौ मुकाबलों में 236 रन बनाए थे। दाएं हाथ के बल्लेबाज शुभम प्रथम श्रेणी के मुकाबलों में पांच शतक, 18 अर्धशतकीय पारियों सहित 2930 रन बना चुके हैं। उन्होंने प्रथम श्रेणी के 50 मुकाबलों में 92 पारियां खेलकर तीन बार नाबाद रह चुके हैं। उन्होंने सर्वाधिक 138 रन बनाए हैं। इनमें पांच शतकीय व 18 अर्धशतकीय पारियां भी शामिल हैं।