नान और पनामा घोटाले की जांच क्यों नहीं: भूपेश

नई दिल्ली/रायपुर
राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कई कारोवारी और अफसरों के खिलाफ आयकर की कार्रबाइ को लेकर राज्य सरकार और कांग्रेस आक्रामक हो गई है। रविवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक दुर्भावना से छत्तीसगढ़ में आयकर के छापे पड़वा रही है।
लेकिन भाजपा के शासनकाल में जो भ्रष्टाचार और घपले हुए हैं, उनपर पीएम मोदी और अमित शाह खामोश क्यों रहे। 36 हजार करोड़ रुपए के नान घोटाले से लेकर पनामा पेपर्स जिनमें पूर्व सीएम रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह का नाम है, उस पर अब तक केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की है। इससे पहले सीएम बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर प्रदेश में आयकर विभाग के कार्रवाई की जानकारी दी।
वे शनिवार की शाम दिल्ली गए थे, लेकिन मौसम खराब होने की वजह से रायपुर लौट आए थे। भूपेश ने मीडिया से कहा कि केन्द्र सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना से छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग से छापेमारी करवाई है। दरअसल राज्य सरकार नान घोटाले की जांच करवा रही है। इसे प्रभावित करने के लिए आयकर कार्रवाई के जरिए माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है। राज्य को सूचना दिए बगैर जिस तरह से पूरी कार्रवाई की गई, यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि इस पर कानूनी सलाह लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। भूपेश ने कहा कि हम केंद्र सरकार की किसी भी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। मीडिया से चर्चा में पुनिया बोले कि केंद्र की मोदी सरकार छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं और भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर हो रही कार्रवाई से घबराई हुई है। राज्य सरकार को बिना भरोसे में लिए जिस तरह से कार्रवाई हुई, वह संवैधानिक नहीं है। उन्होंने इस मामले को संसद सत्र में उठाने की बात भी कही।
दिल्ली में इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस कर मौजूदा केंद्र की मोदी सरकार और पूर्ववर्ती रमन सरकार पर जमकर निशाने पर लिया। एआईसीसी के मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सूरजेवाला ने इस मामले के तार नान घोटाले से जोड़े हैं। सुरजेवाला ने कहा है कि प्रदेश में 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की जांच को प्रभावित करने और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए इस तरह का कृत्य भाजपा सरकार ने किया है।
प्रभारी पीएल पुनिया के साथ रणदीप सुरजेवाला की प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि 36 हजार करोड़ के नान घोटाले का पैसा नागपुर भेजा जा रहा था, भाजपा कार्यालयों में जा रहा था, भ्रष्टाचार का पैसा भाजपा के दिल्ली नेताओं तक भी आता था, पूरा प्रांत लूटा गया। पहली बार देश में हुआ पनामा पेपर में पूर्व मुख्यमंत्री और उनके बेटे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह का नाम आया।
पिता का नाम था. पता भी था, लेकिन मोदी जी ने जांच नहीं की, क्योंकि ईडी, सीबीआई और ईआरआई मोदीजी की गठबंधन सहयोगी है। और अब दंगा और सीमा पर सुरक्षा करने के लिए जिस फोर्स को उतारा जाता उसे भी जबरन गठबंधन सहयोगी मोदी जी ने बना लिया है। सूरजेवाला ने कहा कि चार दिन से प्रदेश में छापेमारी चल रही है, केंद्रीय सरकार की एजेंसियां दो तिहारी बहुमत से चुनी हुई सरकार के प्रदेश में छापेमारी कर रही है।
मोदी जी कहा करते थे संघीय सहयोगी, लेकिन जिस तरह की कार्रवाई की गयी, लोकल पुलिस को सूचना नहीं दी गयी, सरकार को विश्वास में नहीं लिया गया,ज्ये संघीय सहयोग नहीं, केंद्रीय जबरदस्ती है । एक ईमानदार मुख्यमंत्री और एक ईमानदार सरकार को परेशान करने की कोशिश है, कांग्रेस का कर्जा माफ करती है, किसानों को उचित दर किसानों को देती है तो केंद सरकार ये पचा नहीं पाती और फिर इस तरह का कृत्य करती है।
सीआरपीएफ के इस्तेमाल पर आड़े हाथों लिया : प्रदेश नक्सल प्रभावित है। वहां कई दफा सीआरपीएफ की वर्दी पहनकर नक्सली हादसा कर चुके हैं, कहीं अगर छत्तीसगढ़ में फिर से ये हादसा हो गया तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। सीआरपीएफ को किसी राज्य में जबरदस्ती किसी दूसरे राज्य में भेजना इससे बड़ा कोई अपराध नहीं हो सकता। छत्तीसगढ़ के संसाधन को अपने चहेते उद्योगपतियों को लुटाया है। भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की चाल हैज् भ्रष्टाचार के तार अगर नागपुर और भाजपा हेडक्वार्टर से जुड़े हैं तो उसका पर्दाफाश जरूर होगा ।