कोरोना से डरे नहीं बचाव करें – प्रधानमंत्री

कोरोना से डरे नहीं बचाव करें – प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री ने जन औषधि दिवस के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्‍यम से अपने संबोधन में कहा, ‘कोरोना वायरस को लेकर सभी देशवासियों से प्रार्थना करता हूं कि किसी भी तरह की अफवाह से बचें। इस बीच प्रधानमंत्री ने कहा है कि जन औषधि केंद्रों के साथ-साथ वितरण, गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला जैसे अनेक दूसरे साधनों का भी एक नेटवर्क तैयार हो रहा है, जिसमें हजारों युवा साथियों को रोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये योजना सस्ती दवाओं के साथ-साथ आज दिव्यांगजनों सहित अनेक युवा साथियों के लिए आत्मविश्वास का बहुत बड़ा साधन भी बन रही है। मोदी ने कहा, ‘‘हमें संतोष है कि जम्मू कश्मीर में जन औषधि परियोजना का बहुत लाभ हो रहा है।

पूर्वोत्तर और अन्य पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में जन औषधि परियोजना को विस्तार भी देना है और वहां सभी दवाएं उपलब्ध हों, ये भी सुनिश्चित करना है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना का लाभ समाज के हर वर्ग को हुआ है। उन्होंने कहा कि गरीब और मध्यम वर्ग को इसका लाभ मिला है। इसमें भी हमारी बेटियों-बहनों को विशेष लाभ हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि देश में लोगों को मेडिकल सुविधा के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े।

इसलिए देशभर में स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र बनाए जा रहे हैं और नए मेडिकल कॉलेज बनाये जा रहे हैं, जिससे देश में मेडिकल सीटों में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि आज 1,000 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से करीब साढ़े 12 हजार करोड़ रुपये जनता के बचे हैं। करीब 90 लाख गरीब लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिला है। कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह लें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ पूरी दुनिया आजकल नमस्ते की आदत डाल रही है। हमें भी आजकल हाथ मिलाने के बजाए, नमस्ते करना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में अभी तक 31 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा को सूचित किया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के संदेह में देश में कुल 29,607 लोगों को चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। बहरहाल, मोदी ने कहा कि जन औषधि परियोजना के कारण पहले की तुलना में इलाज पर खर्च बहुत कम हो गया है। अभी तक पूरे देश में करोड़ों गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को 2000-2500 करोड़ रुपए की बचत जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जैसे-जैसे ये नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे ही इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है। आज हर महीने एक करोड़ से अधिक परिवार इन जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं। जेनेरिक दवाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने सुझाव दिया, ‘‘कुछ विशेष परिस्थितियों को छोड़कर डॉक्टर जेनेरिक दवाएं ही लिखें। मेरा आप सभी लाभार्थियों से भी निवेदन रहेगा कि अपने अनुभवों को अधिक से अधिक साझा करें। इससे जन औषधि का लाभ ज्यादा मरीज़ों तक पहुंच सकेगा।

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