पोल्ट्री उद्योग को भारी नुक्सान, 10 करोड़ लोगों के रोजगार प्रभावित

पोल्ट्री उद्योग को भारी नुक्सान, 10 करोड़ लोगों के रोजगार प्रभावित
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नई दिल्ली

मांसाहार से कोरोना वायरस के फैलने की अफवाह से देश के पोल्ट्री, मीट और मत्स्य उद्योग को भारी नुक्सान हुआ है और इससे करीब 10 करोड़ लोगों के रोजगार प्रभावित हुए हैं। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह और इसी के विभाग के राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया के माध्यम से अंडा और चिकन मीट खाने से कोरोना वायरस के फैल सकने की अफवाह फैलाई गई है जबकि वैज्ञानिक परीक्षणों में यह प्रमाणित नहीं हुआ है।

पोल्ट्री उद्योग समूह के संगठनों के अनुसार अफवाह फैलने से इस उद्योग को प्रतिदिन 15,000 से 20,000 करोड़ रुपए का नुक्सान हो रहा है। इसके साथ ही मक्का और सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी भारी नुक्सान हो रहा है। मक्का और सोयाबीन की पोल्ट्री उद्योग में आपूर्ति की जाती है। 60 प्रतिशत पोल्ट्री उद्योग छोटे किसानों के हैं जो 10,000 या इससे कम पक्षी रखते हैं।

गिरिराज और बालियान ने कहा कि पशु विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कोरोना वायरस मानव से मानव में फैलता है। इसके पशु-पक्षी से मानव में फैलने की पुष्टि नहीं हुई है। राज्यों को 3 सप्ताह पहले ही पत्र भेजकर लोगों में जागरूकता पैदा करने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा कि आश्चर्य की बात है कि चिकन का थोक भाव किसानों को काफी कम मिल रहा है। यह पहले की तुलना में 70 प्रतिशत तक कम हो गया है जबकि चिकन का खुदरा मूल्य पहले की तरह बना हुआ है।

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