केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया

नई दिल्ली।
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के खतरे और संक्रमण को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा घोषति कर दिया है। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कोरोना से संक्रमण के 99 मामले सामने आए हैं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 84 मामलों की ही पुष्टि की है। उधर, केंद्र सरकार ने 3 अप्रैल को राष्ट्रपति भवन में होने वाले पद्म पुरस्कार समारोह को स्थगित कर दिया है। लोकसभा सचिवालय ने भी संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियात के तौर पर दर्शक दीर्घा पास और संसद परिसर में घूमने की अनुमति रद्द कर दी है।
आपदा का मतलब है- किसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से, इंसान या किसी दुर्घटना की वजह से भारी विपत्ति आना। इससे जनहानि या संपत्ति का इतना नुकसान हो कि स्थानीय समुदाय के लिए उससे निपटना असंभव हो। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक, राष्ट्रीय आपदा घोषित होने पर ऐसी स्थिति एनडीआरएफ को मदद के लिए भेजा जाता है। आपदा राहत कोष के जरिए 75% मदद केंद्र और 25% राज्य सरकार करती हैं। जरूरत होने पर केंद्र के 100% फंडिंग वाले ‘राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक फंड’ से अतिरिक्त सहायता दी जाती है।
प्रभावित लोगों को कर्ज में रियायत दी जाती है। बाढ़, तूफान, चक्रवात, भूकंप, सुनामी को प्राकृतिक आपदा और एटमी, जैविक या रासायनिक आपदाओं को मानव जनित आपदा कहा जाता है। हालांकि, इसे घोषित करने के लिए कोई तय मानक नहीं हैं। केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कहा है कि कोरोना वायरस से किसी व्यक्ति की मौत होने पर उसके परिवार को 4 लाख रु. का मुआवजा मिलेगा। राहत कार्यों में शामिल व्यक्ति भी इसके दायरे में होंगे। देश में कोरोनावायरस के अब तक 99 मामलों की पुष्टि हो गई है।
13 राज्यों में कोरोना का संक्रमण फैल चुका है। महाराष्ट्र में शनिवार तक सबसे ज्यादा 26 संक्रमित मिले। कोरोना संकट पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम 5 बजे सार्क देशों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे। इसमें पाकिस्तान, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, बांग्लादेश और भूटान के नेता शामिल होंगे। मोदी ने ही सार्क देशों से चर्चा की पहल की थी।