फ्रांस भारत की राह पर चल रहा है?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने देश में 11 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है। राष्ट्रपति मैक्रों ने लॉकडाउन की घोषणा के साथ जानकारी दी कि प्रतिबंधों को धीरे-धीरे हटाया जाएगा। फ्रांस में डेढ़ लाख के करीब लोग कोरोना से संक्रमित हैं और 15,000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
देश के नाम चौथी बार संबोधन
फ्रांस ने कोरोना से लड़ने के लिए सबसे पहले 17 मार्च को लॉकडाउन का एलान किया था जिसे बाद में दो हफ्ते के लिए बढ़ाया गया। एक लाख से ज्यादा संक्रमित लोगों में फिलहाल 28,000 से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने देश की जनता को संबोधिक करते हुए कहा कि वो समझते हैं कि लॉकडाउन में रहना कितना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वो इस सवाल का जवाब जरूर देना चाहेंगे कि आखिर कोरोना का खात्मा कब होगा और कब सभी लोग सामान्य जिंदगी जी पाएंगे? लेकिन इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।
कोरोना से लड़ने के लिए तकनीक का इस्तेमाल
कोरोना को हराने के लिए फ्रांस अलग अलग तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहा है। फ्रांस ने एक ऐप बनाई है जो डिजिटल तरीके से कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी करेगा। जैसे भारत देश में आरोग्य सेतु ऐप है वैसे ही फ्रांस ने भी अपने लोगों के लिए स्टॉपकोविड (StopCovid) नाम से एक ऐप बनाई है जो ब्लूटुथ के जरिए कोरोना मरीजो की गतिविधियों पर निगरानी करती है।भारत की तरह फ्रांस में भी इस ऐप को डाउनलोड करने पर जोर दिया जा रहा है। फ्रांस में स्टॉपकोविड ऐप यह कहकर बढ़ावा दिया जा रहा है कि 11 मई को देश को लॉकडाउन से मुक्त करने के लिए ऐप को जरूर डालनलोड करें ताकि कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी की जा सके। हालांकि फ्रांस के कुछ डाटा विशेषज्ञ लोगों की निजता को लेकर चिंता में हैं। फ्रांस में बाकी यूरोपीय देशों की तुलना में ऑनलाइन निजता को लेकर ज्यादा जागरुकता है।फ्रांस में नौकरीपेशा लोगों को ट्रैवल की छूट मिली है। फ्रांस में काम के लिए बाहर निकलने को जरूरी श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा फ्रांस में पालतु जानवर को घुमाने या खुद के घुमने को लेकर कोई मनाही नहीं है। वहां के अधिकारी लोगों को ऐसा करने के लिए एक अनुमति पत्र देते हैं, जिसे पूरा भरना होता है। इस पत्र में घुमने का कारण और जगह बतानी होती है।
वहीं फ्रांस की स्टॉपकोविड ऐप भारत की आरोग्य सेतु ऐप से थोड़ी कम दखल देने वाली ऐप है। स्टॉपकोविड ऐप में जीपीएस का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फ्रांस के निजता अधिकारियों का कहना है कि अगर जीपीएस डाटा ये दिखाता है कि एक व्यक्ति रोज शाम को एक विशेष जगह जा रहा है तो अनुमान के तौर पर वह जगह उस व्यक्ति का घर हो सकता है। फ्रांस में किसी व्यक्ति के स्मार्टफोन की निगरानी करना कानूनी तौर पर निषेध है। फ्रांस सरकार ने कहा है कि इस ऐप का लागू करने से पहले संसद में कानूनविदों के साथ ऐप के इस्तेमाल पर चर्चा की जाएगी।