महाराष्ट्र: शराब की दुकानें खोलने की मांग

शिवसेना ने शराब की दुकानों को फिर से शुरू करने की मांग करने को लेकर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे पर निशाना साधा है। शिवसेना ने राज ठाकर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या वो वाकई में राज्य के खजाने के लेकर चिंतित हैं। राज ठाकरे ने राजस्व बढ़ाने के लिए प्रदेश में शराब की दुकानों को फिर से शुरू करने की मांग थी।
शिवसेना ने कहा कि राज ठाकरे को पता होना चाहिए कि लॉकडाउन के कारण न केवल शराब की दुकानें बल्कि शराब की फैक्ट्रियां भी बंद हैं। शिवसेना ने कहा कि केवल दुकानें शुरू करने से राजस्व नहीं मिलता। सरकार को उत्पाद शुल्क के रूप में राजस्व मिलता है, जब कोई वितरक कारखानों से उत्पाद खरीदता है।
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में कहा, इन इकाइयों को शुरू करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अगर दुकानें फिर से खुलीं तो लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जाएगा।
राज ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) को लिखे पत्र में कहा था कि शराब की दुकानों को खुला रहने देने का मतलब शराब उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश नहीं है, बल्कि कठिन समय के दौरान राजस्व की आमद सुनिश्चित करना है।
उन्होंने यह कहते हुए होटलों और रसोईघरों को सस्ती खाद्य सामग्री प्रदान करने की अनुमति देने का भी आह्वान किया था कि महाराष्ट्र की आबादी का एक बड़ा हिस्सा उनपर निर्भर है। हालांकि, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने शराब की दुकानों और भोजनालयों को फिर से खोलने की मांग के लिए मनसे प्रमुख का मजाक उड़ाया।
शिवसेना ने कहा, अपनी मांग के माध्यम से उन्होंने सरकार को बताया है कि भोजन की तरह शराब एक आवश्यक वस्तु है। उन्होंने अमूल्य जानकारी दी है कि जिस तरह चावल की थाली लोगों के लिए महत्वपूर्ण है उसी तरह वो क्वार्टर और पेग पर भी निर्भर हैं। उन्हें राज्य के राजस्व की चिंता है या फिर शराबियों की।