रूढ़ियां तोड़ बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज

सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ उत्तराखंड के कर्णप्रयाग की एक बेटी ने बेटे का फर्ज निभाया। बेटी ने अपने पिता की अर्थी को न सिर्फ कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार भी किया।
कर्णप्रयाग निवासी पीताम्बर दत्त कांडपाल का शनिवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। रविवार को कर्णप्रयाग के कर्णकुंड शमशान घाट पर पीतांबर दत्त कांडपाल का अंतिम संस्कार किया गया।उनकी दो बेटियां हैं। गमगीन माहौल में उनकी बड़ी बेटी शिक्षिका ज्योति कांडपाल ने शव यात्रा के दौरान पहले अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और उसके बाद शमशान घाट जाकर गमगीन माहौल में मुखाग्नि दी।
पीतांबर दत्त कांडपाल ने शिक्षक के पद से रिटायर होने के बाद सन 2000 में एलएलबी की थी। वे वर्तमान समय में कर्णप्रयाग कोर्ट में अधिवक्ता थे और कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे।