सरकार ने टीडीएस में की 25 फीसदी कटौती

करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने स्रोत पर कर कटौती को 25 फीसदी घटा दिया है। मतलब पेशेवरों की कमाई पर टीडीएस कम कटेगा और हाथ में ज्यादा नकदी रहेगी, लेकिन अग्रिम कर ज्यादा जमा कराना पड़ेगा। प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-
कुल कर देनदारी में नहीं आएगा कोई बदलाव… हाथ में आएंगे ज्यादा पैसे
2.5 फीसदी ज्यादा भरना होगा एडवांस टैक्स
क्लियरट्रैक्स के फाउंडर एवं सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर, वकील, इंजीनियर और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवरों की कमाई पर अभी 10 फीसदी टीडीएस काटा जाता है। नए फैसले के तहत अब उनकी आय पर कर कटौती 7.5 फीसदी की जाएगी। हालांकि उनकी ओर से हर तिमाही भरे जाने वाले एडवांस टैक्स अग्रिम कर की राशि बढ़ जाएगी।
किसी पेशेवर की सालाना आय एक करोड़ है तो वह 30 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आता है। पहले उसे 10 फीसदी यानी 10 लाख टीडीएस देना पड़ता था और 20 लाख अग्रिम कर लगता था जो साल में 4 बार देना पड़ता था। (15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर व 15 मार्च भरना पड़ता है।) अब उन्हें टीडीएस के तौर पर 7.5 लाख रुपये भी कटवाने पड़ेंगे जबकि अग्रिम कर भुगतान के लिए राशि बढ़कर 22.5 लाख रुपये हो जाएगी।
वरिष्ठ नागरिक वे रिफंड पाने वालों को लाभ
वरिष्ठ नागरिक अथवा ऐसे आयकरदाता (नौकरी पेशा नहीं) जो टैक्स रिफंड क्लेम करते हैं, उन्हें सीधा लाभ मिलेगा। ऐसा इसीलिए, क्योंकि अभी तक उनकी आय पर हो रही टीडीएस कटौती में 2.5% कमी आ जाएगी। उदाहरण के तौर पर अगर कोई करदाता टीडीएस काटने के बाद ₹10 का रिफंड क्लेम करता है तो अब उसे 7.5 रुपये का ही रिफंड डालना पड़ेगा, क्योंकि कम टीडीएस कटने की वजह से उसके हाथ में 2.5 रुपे पहले ही आ चुके हैं।
एफडी पर ज्यादा रिटर्न
बैंक या डाकघर में एफडी करने वालों को ब्याज से होने वाली आय पर सालाना 10% टीडीएस कटवाना पड़ता है। अगर किसी जमा करता को एफबी से सालाना 15000 ब्याज के रूप में मिलते हैं, तो बैंक उस पर ₹15000 का टीडीएस काट लेता है और सरकार के पास जमा कर देता है नई दर लागू होने के बाद बैंक अब ₹1125 की टीडीएस के रूप में काटेगें।