माइनस 45 डिग्री तापमान के बावजूद डटे रहते हैं भारतीय जवान

गलवां घाटी में हालात बेहद प्रतिकूल हैं। अक्साई चीन से लगता हिस्सा बेहद महत्वपूर्ण है। तापमान माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। कठिन हालात में रह कर भी भारतीय सैनिकों का हौसला आसमान पर रहता है। वहां धूप निकलती है। बहुत तेज, लेकिन बगैर चश्मा के नहीं रह सकते क्योंकि जब सूरज की किरणें बर्फ पर पड़ती हैं तो आंखों को नुकसान की आशंका रहती है। पानी को गर्म करके रखना पड़ता है।
नौगांवा सादात के करार नगर-कैलबकरी निवासी सेवानिवृत्त सैनिक तेजवीर सिंह गलवां घाटी में आठ महीने अपनी सेवा दे चुके हैं। वह 81 फील्ड रेजीमेंट (तोपखाना) में तैनात रहे हैं। बताते हैं कि गलवां घाटी में अगस्त 2018 से मार्च 2019 तक अपनी सेवा दी। रास्ते में पहाड़ियों की वजह से हाइट बढ़ती जाती है। जाड़े में रास्ते बंद हो जाते हैं। ठंड में ज्यादातार मूवमेंट नहीं होती। खाने के लिए पर्याप्त राशन रहता है। रात को हल्का खाना खाते हैं। मौसम सही होने पर वाहन चलते हैं। हेलीकॉप्टर से आते-जाते हैं।