महंगाई के दबाव में तीसरी बार भी नहीं घटेगा रेपो रेट

छह साल के शीर्ष पर पहुंची खुदरा महंगाई के दबाव में रिजर्व बैंक एक बार फिर नीतिगत दरें अपरिवर्तित रख सकता है। बाजार विशेषज्ञों का दावा है कि 2 से 4 दिसंबर तक होने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, सितंबर तिमाही में भी विकास दर शून्य से नीचे रहने का असर भी मोद्रिक नीतियों पर दिखेगा। गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में 6 सदस्य समिति 4 दिसंबर को रिपोर्ट पर फैसला करेगी। गत अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई की दर 7.61 फ़ीसदी पहुंच गई, जो साढ़े छह साल में सबसे ज्यादा है।खुदरा महंगाई लगातार छह महीने से आरबीआई के अनुमानित लक्ष्य 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। कोटक महिंद्रा बैंक की उपभोक्ता बैंकिंग प्रमुख शांति इंकबरम का कहना है कि इसी वजह से पिछली दो एमपीसी बैठक में रेपो रेट नहीं हटाया जा सका।
रिजर्व बैंक ने 2020-2021 में अर्थव्यवस्था में 9.5 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है। लिहाजा नीतिगत फैसले पर इसका भी दबाव रहता है। हालांकि फरवरी से अब तक 1.15 फीसदी कटौती रेपो रेट में हो चुकी है। अगले कुछ महीने अर्थव्यवस्था के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। अगर विकास दर सकारात्मक होती हैं तो अगली एमपी सी बैठक में दरें घटाने पर फैसला हो सकता है।