चेन्नई के संगठन ने न्यायालय में की सेबी की शिकायत

चेन्नई के संगठन ने न्यायालय में की सेबी की शिकायत
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चेन्नई फाइनेंशियल मार्केट्स एंड एकाउंटेबिलिटी (CFMA) ने उच्चतम न्यायालय में एक आवेदन दायर कर कहा कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन के छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के मामले में शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद ई-मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने में बाजार नियामक सेबी ने ‘कोई स्पष्ट कदम नहीं’ उठाया है।

शीर्ष न्यायालय ने अपने नौ दिसंबर के आदेश में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से कहा था कि वह 26 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच निर्धारित ई-मतदान प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करे। सीएफएमए ने एक बयान में कहा कि उसे चिंता है कि इस महीने की नौ तारीख को उक्त आदेश पारित किया गया था, लेकिन एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए सेबी ने अभी तक कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया है।

बयान में आगे कहा गया कि, ‘मतदान 26 दिसंबर से शुरू होना है और पर्यवेक्षक कौन है या उसकी ई-मेल आईडी, संपर्क जानकारी आदि के बारे में कोई सूचना नहीं है।’ सीएफएमए ने अपने बयान में कहा कि उसने इस संबंध में शीर्ष अदालत में एक अंतरिम आवेदन दिया है।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि उसका तीन दिसंबर का वह आदेश अभी लागू रहेगा, जिसमें उसने निर्देशित किया था कि फिलहाल यूनिट धारकों को उनके यूनिटों की धनराशि के भुगतान पर लगी रोक फिलहाल बनी रहेगी। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस मामले को अब जनवरी के तीसरे सप्ताह के लिये सूचीबद्ध किया है।

 

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