कोरोना को लेकर पेटेंट में छूट प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बनी सहमति

विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्यों ने बुधवार को कोविड-19 से संबंधित टीकों, दवाओं और उपकरणों के लिए पेटेंट छूट पर चर्चा शुरू करने पर सहमति व्यक्त की। सूत्रों ने कहा कि भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए विस्तृत विचार-विमर्श अगले सप्ताह से शुरू करने का सुझाव दिया और कहा कि सभी को बातचीत कर जुलाई अंत तक निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए काम करना चाहिए।
हालांकि यूरोपीय संघ, यूके और स्विट्जरलैंड ने अपना विरोध दोहराया, लेकिन वे लिखित वार्ता में शामिल होने के लिए सहमत हुए, जिसके लिए एक मसौदा साझा किया गया है। जापान, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई अन्य देश पेटेंट पर छूट के फैसले को लेने के लिए चर्चा में शामिल होने पर सहमत हुए। भारत ने व्यापार संबंधित पहलुओं से जुड़े बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) प्रावधानों में छूट को लेकर जिनेवा में आठ-नौ जून को ट्रिप्स परिषद की औपचारिक बैठक में अपने बयान में कहा कि देश प्रस्ताव की हर पहलू पर बातचीत को तैयार है। इस संदर्भ में किसी भी रूप में चाहे वह पूर्ण बैठक हो या छोटे समूह की बैठक, बातचीत को तैयार है।
भारत और दक्षिण अफ्रीका ने दिया था प्रस्ताव
उल्लेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्तूबर 2020 में कोविड-19 की रोकथाम और उपचार को लेकर ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों के लिए छूट देने को लेकर पहला प्रस्ताव दिया था।अगर कोई समझौता होता है, तो संयंत्रों को उत्पादन शुरू करने में सक्षम होने के लिए, कुछ तिमाहियों का समय लगेगा। पाकिस्तान, मलयेशिया, अर्जेंटीना और अन्य समर्थकों का मानना है कि कच्चे माल और प्रौद्योगिकी तक पहुंच के साथ पेटेंट और अन्य बौद्धिक संपदा अधिकारों की छूट से दवाओं और टीकों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उत्पादन की वर्तमान गति बहुत धीमी है।बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (ट्रिप्स) को लेकर समझौता जनवरी 1995 में लागू हुआ था। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार गोपनीय जानकारी की सुरक्षा जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों को लेकर किया गया एक बहुपक्षीय समझौता है।