मध्यस्थता से मुद्दे सुलझाएं किर्लोस्कर बंधु

मध्यस्थता से मुद्दे सुलझाएं किर्लोस्कर बंधु
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सुप्रीम कोर्ट ने संपत्ति बंटवारे से जुड़े किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड (केबीएल) के पारिवारिक विवाद में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए कहा कि मध्यथस्ता के जरिये विवादित मुद्दों को सुलझाना ही कंपनी के हित में है। शीर्ष कोर्ट का आदेश इस मामले में पुणे की निचली अदालत में चल रहेे मुकदमे पर भी लागू होगा। केबीएल समूह के सीएमडी संजय किर्लोस्कर ने बंबई हाई कोर्ट के मध्यस्थता के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की पीठ ने संजय किर्लोस्कर की अपील पर सभी पक्षों से मध्यस्थता तलाशने की सलाह दी। साथ ही उन्हें नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब मांगा है। पीठ ने कहा कि हमें लगता है कि यह (किर्लोस्कर) प्रतिष्ठित परिवारों और कंपनियों में से एक है। आप दीवानी अदालतों में मुकदमेबाजी से परिचित हैं। मैं व्यवस्था पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। सभी वकील साथ बैठकर कोई रास्ता निकाल सकते हैं। अगर आप बाहरी सहायता चाहते हैं तो हम सेवानिवृत्त न्यायाधीश नियुक्त कर सकते हैं। विवाद में अतुल आैर राहुल किर्लोस्कर भी पक्ष हैं।

संजय ने लगाया छवि खराब करने का आरोप
केबीएल के सीएमडी संजय किर्लोस्कर ने मंगलवार को सेबी को बताया कि उनके भाई अतुल व राहुल की चार कंपनियों ने समूह की 130 साल पुरानी छवि को ठेस पहुंचाई है। साथ ही लोगों को गुमराह करने की भी कोशिश की है। उन्होंने 16 जुलाई को अपनी कंपनियों के नए ब्रांड व लोगो जारी किए, जो मूल कंपनी की छवि खराब करते हैं।

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