धड़ाम हुआ वोडाफोन आइडिया का शेयर

लेकिन एयरटेल में आया उछाल, जानिए अभी कितना है भाव
उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कर्ज में फंसी वोडाफोन आइडिया के गैर कार्यकारी निदेशक व गैर कार्यकारी चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया। वोडाफोन इंडिया पर करीब 1.80 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछले तीन दिनों से टेलीकॉम कंपनी के शेयर में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। तीन दिनों में यह शेयर 38 फीसदी गिर चुका है और मई 2020 के बाद के अपने न्यूनतम स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं दूसरी ओर टेलीकॉम कंपनी भारतीय एयरटेल के शेयर में जोरदार उछाल आया है और यह 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर (623.00) के करीब पहुंच गया है।
आज दोपहर 2.35 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर वोडाफोन इंडिया का शेयर 4.31 फीसदी की गिरावट के साथ 5.77 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। पिछले सत्र में यह 6.03 के स्तर पर बंद हुआ। मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) 16580.32 करोड़ रुपये है। इस दौरान भारतीय एयरटेल का शेयर 4.85 फीसदी की तेजी के साथ 602.05 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। पिछले सत्र में यह 574.20 के स्तर पर बंद हुआ। मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण (बाजार हैसियत) 330647.50 करोड़ रुपये है।
हिमांशु कपानिया होंगे गैर कार्यकारी चेयरमैन
मालूम हो कि वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने कुमार मंगलम बिड़ला का आग्रह मंजूर करते हुए इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने टेलीकॉम क्षेत्र के पुराने खिलाड़ी हिमांशु कपानिया को गैर कार्यकारी चेयरमैन चुना है। इसी महीने बिड़ला ने कहा था कि कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के अस्तित्व को बचाने के लिए वे अपनी प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयार हैं। कैबिनेट सचिव को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा था कि वे किसी भी सरकारी या घरेलू वित्तीय कंपनी को अपनी हिस्सेदारी देने को तैयार हैं।
खतरे में वोडाफोन आइडिया को वजूद
बिड़ला ने अपने पत्र में कहा कि अगर सरकार किसी अन्य कंपनी को इसे चलाने में सक्षम समझती है, तो वे उस कंपनी को भी अपनी हिस्सेदारी देने के लिए तैयार हैं। विदेशी निवेशकों में भरोसा जगाने के लिए सरकार को कदम उठाने की जरूरत है क्योंकि अगर सरकार ने जल्द ही जरूरी कदम नहीं उठाए, तो वोडाफोन आइडिया को वजूद खतरे में पड़ सकता है।
‘टेलीकॉम क्षेत्र में भारत को तीन निजी कंपनियों की जरूरत’
भारती एयरटेल के सीईओ गोपाल वित्तल ने बुधवार को कहा कि भारत जैसे बड़े देश में टेलीकॉम क्षेत्र में तीन निजी कंपनियों की जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे इस क्षेत्र को राहत पहुंचाने के लिए सरकार आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इतने बड़े देश में तीन निजी कंपनियों के फलने-फूलने की पूरी संभावना है और इसमें सरकारी कंपनियां भी रहेंगी।