विदेशी संपत्तियां जब्त करने का बनेगा कानून

विदेशी संपत्तियां जब्त करने का बनेगा कानून
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दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) को और प्रभावी बनाने के लिए सरकार बड़े बदलावों की तैयारी कर रही है। निपटारे की लंबी प्रक्रिया, कम वसूली और भारी-भरकम हेयरकट जैसे मुद्दे सुलझाने के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद सत्र में संशोधित बिल पेश कर सकती है। इसमें आर्थिक भगोड़ों पर लगाम कसने के लिए विदेशी संपत्तियां जब्त करने का कानून बनाया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, वित्तीय मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर आईबीसी का संशोधित बिल तैयार किया जाएगा। इसमें प्रक्रिया में लगने वाले समय को घटाने और हेयरकट का अनुपात कम करने पर जोर रहेगा।

कर्ज में डूबी कंपनियों के तेजी से निपटाने के लिए भी कानून में कुछ बदलाव किया जाएगा। साथ ही विदेशी संपत्तियों को जब्त करने के लिए सरकार क्रॉस बॉर्डर इंसॉल्वेंसी फ्रेमवर्क बनाने पर जोर दे रही है। यह ढांचा भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने मेें काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अभी 180 दिन निर्धारित हैं, लेकिन हकीकत में ऐसे मामले निपटाने में एक साल से अधिक लग जाता है। समिति ने समाधान के इस समय को और घटाने की सिफारिश की है। 2016 में कानून लागू होने के बाद से अब तक कुल 4,541 मामलों का निपटारा हुआ है।

 

 

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