तिब्बत का पारिस्थिकी तंत्र बर्बाद कर रहा चीन

विश्व बिरादरी ने जब बीजिंग द्वारा तिब्बती संस्कृति और पहचान को बेरहमी से नष्ट करने का संज्ञान लिया तब से क्षेत्र में चीनी अफसरों के तिब्बती पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश भी संदेह के घेरे में आ गया है। तिब्बत प्रेस के मुताबिक, तिब्बती संस्कृति का अंधाधुंध विनाश एक सर्वविदित तथ्य बन चुका है लेकिन तिब्बती पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) की बहुत कम लोगों को ही पता है।
अमेरिका स्थित एक पत्रिका (जियानली यांग, प्रोविडेंस) ने हाल ही में दावा किया कि चीन तिब्बत में जहरीले कचरे को डंप कर रहा है। प्रोविडेंस जर्नल के लेख में कहा गया है कि चीन की औद्योगिक गतिविधियों के कार्बन फुटप्रिंट, लिथियम के खनन और तिब्बत में एटमी खनिजों के खनन ने क्षेत्र में मानसून चक्र को गहराई से प्रभावित किया है। इस बीच चीन ने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को भी बार-बार नजरअंदाज किया है, जो अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रतिबंधित है।
दुनिया के सबसे बड़े अमीर एलन मस्क की कंपनी टेस्ला ने चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में अपना नया शोरूम खोलने का फैसला किया है। इस पर व्हाइट हाउस ने कहा है कि निजी कंपनियों को भी शिनजिगांग में चीनी मानवाधिकारों के हनन और नरसंहार का विरोध करना चाहिए।