शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एनसीडी के क्लिनिकों की जरूरत : नायडू

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एनसीडी के क्लिनिकों की जरूरत : नायडू
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हैदराबाद
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत में गैर संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते मामलों के मद्देनजर एक राष्ट्रीय आंदोलन चलाने की जरूरत है। नायडू ने शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों में गैर संचारी रोग उपचार क्लिनिक खोले जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिज़ीशियंस ऑफ इंडियन ऑरिजिन (एएपीपीआई) की ओर से आयोजित वैश्विक स्वास्थ्य सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि गैर संचारी रोगों के बढ़ते मामलों के खिलाफ एक राष्ट्रीय आंदोलन चलाए जाने की जरूरत है। उन्होंने प्रवासी भारतीय डॉक्टरों से अपने-अपने गांवों को गोद लेने और वहां प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की भी अपील की। नायडू ने आईसीएमआर-भारत राज्य स्तरीय रोग भार अध्ययन रिपोर्ट भारत: राष्ट्र के राज्यों का स्वास्थ्य’ का हवाला देते हुए कहा कि एनसीडी के कारण 1990 में अनुमानित तौर पर 37.09 फीसदी मौतें हुईं जो 2016 में बढ़कर 61.8 प्रतिशत हो गईं। उनके हवाले से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, मुझे लगता है कि शहरी और ग्रामीण, दोनों ही क्षेत्रों में एनसीडी के क्लिनिकों की स्थापना करने की जरूरत है। निजी क्षेत्र को ऐसे क्लिनिक खोलने में अहम भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों की जिम्मेदारी नहीं है। एक समाज के तौर पर हम सब की जिम्मेदारी है कि हम स्वस्थ जीवनशैली के बारे में जागरूकता का हिस्सा बनें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय चिकित्सा संघ को अधिक समय तक बैठे रहने और अस्वास्थ्यकारी खान-पान की आदत से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों, खासकर स्कूल और कॉलेज के छात्रों को जागरूक करने में अहम भूमिका निभानी चाहिए।उन्होंने कहा कि भारत में योग्य डॉक्टरों खासकर विशेषज्ञ डॉक्टरों की खासी कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए और मेडिकल कॉलेज खोलने तथा स्नातक और परास्नातक स्तर पर सीट बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

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