केजीएमयू में डॉक्टरों की भर्ती परीक्षा निरस्त

केजीएमयू में सीनियर रेजीडेंट (जूनियर डॉक्टर) की भर्ती परीक्षा धांधली की भेंट चढ़ गई। परीक्षा नियंत्रक की प्राथमिक जांच में प्रक्रिया की शुचिता भंग मिली। इसमें महिला शिक्षिका द्वारा दंत संकाय के वरिष्ठ शिक्षक को प्रश्नपत्र वाट्सएप पर भेजा जाना पाया गया। ऐसे में संस्थान प्रशासन ने परीक्षा निरस्त कर दी है। केजीएमयू के कलाम सेंटर में 21 जुलाई को सीनियर रेजीडेंट भर्ती की परीक्षा हुई थी। दंत संकाय के नौ विभागों में कुल 30 जूनियर डॉक्टरों की भर्ती होनी थी। वहीं पहली बार लिखित परीक्षा के जरिए भर्ती प्रक्रिया धांधली की भेंट चढ़ गई। इसमें ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी विभाग की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हो गया। इसके डॉक्टर ने खुद मामले का पर्दाफाश किया। डॉक्टर ने दंत संकाय के ही वरिष्ठ शिक्षक पर पेपर लीक का आरोप लगाकर सबूत समेत कुलपति से शिकायत की। ऐसे में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने परीक्षा विभाग को जांच के आदेश दिए। परीक्षा नियंत्रक डॉ. एके सिंह के मुताबिक उपलब्ध कराए गए सबूतों में वाट्सएप पर भेजे गए पेपर का प्रिंट मौजूद था। इसमें महिला शिक्षक द्वारा संकाय के सीनियर शिक्षक को वाट्सएप पर पेपर भेजना गंभीर मामला है। यह प्रश्नपत्र सिर्फ परीक्षा विभाग भेजने का नियम है। ऐसे में प्रथम दृष्टया परीक्षा की शुचिता भंग मिली। मामले की रिपोर्ट कुलपति को भेज दी गई। इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने परीक्षा निरस्त करने का फैसला किया। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक दंत संकाय के ओरल पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग में पेपर लीक का प्रकरण सामने आया है। इसमें तीन सीटें थीं। वहीं नौ अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। मामले की विस्तृत जांच के लिए डीन स्टूडेंट वेलफेयर, सीएमएस, आइटी सेल प्रभारी व अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक की कमेटी गठित की गई है। यह सात दिन में रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें दोषी पाए गए शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई होगी।