अभूतपूर्व: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा से पास

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने आज जम्मू कश्मीर से धारा 370 खत्म करने वाला विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा से पास करवा दिया है। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े, जबकि विरोध में 61 मत सिर्फ पड़े। विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए गृहमंत्री ने एक सवाल का जवाब देते हुए साफ किया कि जम्मू-कश्मीर स्थायी तौर से केंद्रशासित राज्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हालात सामान्य होने पर दोबारा से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। जबकि लद्दाख केंद्र शासित रहेगा। राज्यसभा में पास होने के बाद अब विधेयक लोकसभा में आसानी से पास हो जाएगा। क्योंकि लोकसभा में मोदी सरकार को शानदार बहुमत है। गृहमंत्री ने कहा कि आर्टिकल 370 बनाए रखने की वकालत करने वाला क्या कोई भी नेता इसके पक्ष में दलीलें दे सकता है। इससे जम्मू-कश्मीर और भारत को इससे क्या लाभ है, यह बात कोई मुझे बता सकता है क्या? उन्होंने कहा, ‘1989 से 2018 तक राज्य के 41,849 लोगों की जान चली गई। यदि आर्टिकल 370 न होता तो उन लोगों की जानें न जातीं।’ शाह ने कहा कि विपक्ष की ओर से ऐतिहासिकता की बात की गई, लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि 370 से भारत और जम्मू-कश्मीर को क्या मिलने वाला था। जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों के तौर पर पुनर्गठित करने के प्रस्ताव वाले विधेयक को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। उच्च सदन ने इस विधेयक को पारित कर दिया। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 पर्सेंट आरक्षण वाला विधेयक भी पास हो गया है।पुनर्गठन विधेयक को मंजूरी से पहले होम मिनिस्टर अमित शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में यदि हालात सुधरते हैं तो सूबे को दोबारा पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जा सकता है। अमित शाह ने आर्टिकल 370 हटाने को लेकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास का रास्ता यहीं से होकर जाता है। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि जम्मू-कश्मीर में लंबे रक्तपात का अंत आर्टिकल 370 समाप्त होने से होगा। हमारे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इसके लिए बलिदान दिया। हम उन्हें याद करना चाहते हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और सूबे को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के प्रस्ताव पर राज्यसभा में चर्चा का जवाब देते हुए होम मिनिस्टर अमित शाह ने यह बात कही।