मुकेश अंबानी ने पेश किया रिलायंस ग्रुप को अगले डेढ़ साल में कर्जमुक्त करने का खाका

मुंबई,
मुकेश अंबानी ने रिलायंस ग्रुप को अगले डेढ़ साल में कर्जमुक्त करने का खाका पेश किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश ने कंपनी की 42वीं एजीएम में कहा कि वह ऑयल, केमिकल और फ्यूल रीटेलिंग बिजनस में हिस्सेदारी बेचकर यह लक्ष्य हासिल करेंगे। रिलायंस समूह के ऊपर फिलहाल 2,88,243 करोड़ रुपये का कर्ज है। रिलायंस ऑयल ऐंड केमिकल डिविजन में 20% हिस्सेदारी सऊदी अरामको को बेेचेगी। यह सौदा करीब 15 अरब डॉलर यानी 1.06 लाख करोड़ रुपये में पूरा होने की उम्मीद है।
अरामको दुनिया की सबसे बड़ी कच्चा तेल निर्यातक कंपनी है। इसके अलावा कंपनी ने पेट्रो खुदरा कारोबार की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की कंपनी बीपी को बेचने की भी घोषणा की। इस सौदे में कंपनी को 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। मुकेश अंबानी ने सऊदी अरामको से साझेदारी के बारे में कहा, यह न केवल रिलायंस के इतिहास में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा बल्कि इसकी गिनती देश के सबसे बड़े विदेशी निवेश के सौदों में होगी। अंबानी ने कहा कि इस सौदे में रिलायंस की सभी रिफाइनरी और पेट्रोरसायन परिसंपत्तियां को रखा गया है।
समझौते के तहत अरामको रिलायंस की गुजरात के जामनगर स्थित दोनों रिफाइनरियों को प्रतिदिन 7,00,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति भी करेगा। वर्ष 2011 के बाद रिलायंस का बीपी के साथ यह तीसरा जॉइंट वेंचर होगा। इससे पहले 2011 में बीपी ने रिलायंस के 21 तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन ब्लॉकों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी और इसके लिए 7.2 अरब डॉलर का भुगतान किया था। इसके अलावा देश में गैस की सोर्सिंग और मार्केंटिंग के लिए दोनों कंपनियों ने 50:50 प्रतिशत हिस्सेदारी के आधार पर इंडिया गैस सॉल्युशंस’ नाम से एक और संयुक्त उपक्रम बनाया है। इन दोनों सौदों से मिलने वाले धन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को अपने ऊपर कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
कंपनी को 2,88,243 करोड़ रुपये के ऋण में कटौती करने में मदद मिलेगी। मुकेश अंबानी ने कहा कि इसके अलावा और भी कुछ लेनदेन के जरिए कंपनी अगले 18 महीने में कर्जमुक्त हो जाएगी। उन्होंने कहा, जीरो कर्ज वाली कंपनी बनने के लिए हमारे पास स्पष्ट खाका है। मुकेश अंबानी ने यह भी कहा कि आने वाले तिमाहियों में जियो और रिलायंस रीटेल में भी दुनिया के अग्रणी साझेदार लाए जाएंगे। उन्होंने इन दोनों कंपनियों के अगले 5 सालों में शेयर बाजार में लिस्टेड होने की उम्मीद भी जताई। रिलायंस समूह के चेयरमैन ने अपने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि कंपनी के कर्जमुक्त होने पर उन्हें बोनस, डिविडेंड्स और दूसरे तरीकों से इनाम भी दिया जाएगा।