पर्यटकों को लुभाने के लिए हाथियों के सहारे को लेकर बड़ी योजना बना रही बधेल सरकार

रायपुर
छत्तीसगढ़ के वन प्रवासी हाथियों को रास आने लगे हैं। प्रदेश में हाथियों की बढ़ती संख्या को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार का वन विभाग हाथी टूरिज्म स्टेट बनाने की योजना बना रहा है। प्रदेश के 12 जिले हैं, जो हाथी प्रभावित जिला हैं। सरगुजा जिला सबसे अधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र है। वैसे तो 280 हाथी लम्बे समय से प्रदेश के वनों में विचरण कर रहें हैं। इसके अलावा 30 से 40 हाथी वनों में आते जाते रहते हैं।
अब वन विभाग हाथियों की उपस्थिति को लेकर टूरिज्म स्टेट बनाने की योजना बना रहा है। वन विभाग इसमें नए आयाम देख रहा है। साथ ही इसे रोजगार से जोड़ भी देखा जा रहा है। पीसीसीएफ वाइल्ड अतुल शुक्ला का कहना है कि हाथी टूरिज्म स्टेट बनने से प्रदेश में पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। इससे क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार के अवास मिलेंगे। साथ ही सरकार की आय में भी इजाफा होगा।
एक आंकड़े के मुताबिक प्रदेश के सरगुजा वन क्षेत्र में 114 हाथी हैं। इसके अलावा बिलासपुर वन क्षेत्र में 107, रायपुर वन मण्डल में 19 हाथी लगातार घूम रहे हैं। इसके साथ ही हाथी ओडिशा, झारखण्ड से भी प्रदेश में आते हैं। देश और विदेश के पर्यटकों को लुभाने टूरिज्म स्टेट बनाने की पूरी तैयारी की जा रही है।
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो एलीफेंट टूरिज्म बनने से केरल और कर्नाटक की तरह ही पर्यटक छत्तीसगढ़ आएंगे। वन विभाग ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि प्रदेश में जिस तरह से हाथियों की संख्या बढ़ रही है, इससे यह नकारा नहीं जा सकता कि हाथियों की संख्या के मामले में विश्व के नक्शे पर नंबर एक पर काबिज हो सकता है। 12 अगस्त को पूरे विश्व में हाथी दिवस मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य है कि हाथियों का संरक्षण और संवर्धन करना। वर्ष 1988 में ओडिशा के क्योंझर में माइनिंग के लिए पेड़ों की कटाई की गई, तब 18 हाथियों के दल ने सरगुजा प्रवेश किया। इसके बाद से छत्तीसगढ़ में दिन ब दिन हाथियों की संख्या बढ़ती जा रही है।