अब बढ़ेगा यूपी में बिजली संकट

लखनऊ। यूपी को राज्य के बाहर स्थित पॉवर प्लांटों से बिना एडवांस भुगतान के बिजली मिलना बंद हो गई है। अब यूपी पॉवर कारपोरेशन ग्रिड से बिजली तभी ले सकेगा जब वह अग्रिम भुगतान की गारंटी देगा। इससे पर्याप्त बिजली न होने के कारण संकट बढ़ सकता है। नए नियम 20 अगस्त की आधी रात से यह नियम प्रभावी हो गया। ऐसे होगा संकटयूपी पॉवर कारपोरेशन हर महीने तकरीबन 5000 करोड़ रुपये की बिजली खरीदता है जबकि वह मात्र 3600 करोड़ रुपये ही वसूली कर पाता है। इस तरह हर महीने लगभग 1400 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। राज्य सरकार करीब 9000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देती है जिससे यह घाटा आधा हो जाता है। यूपी का अपना बिजली उत्पादन 10 से 11 हजार मेगावाट के बीच ही है। पीक ऑवर्स में यूपी में डिमांड 21 हजार मेगावाट तक पहुंच जाती है।चेयरमैन आलोक कुमार ने सभी प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया है कि हर वितरण खंड में रोजाना कम से कम 200 पुराने बकाएदारों से राजस्व वसूली करें। मैसेज या फोन से बकाएदारों को बिल जमा करने या कनेक्शन काटने की सूचना दी जाए। यदि तुरंत पैसा न जमा करें तो कनेक्शन काट दिया जाए। हालांकि चेयरमैन ने कहा कि उपभोक्ता को परेशान न किया जाए।