PPF में निवेश कर 15 साल में आप कमा सकते हैं मोटी धनराशि

नई दिल्ली
बाजार की अस्थिरता को देखते हुए लोग निवेश करने से डरते हैं इसी बीच पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) में निवेश करना एक सुरक्षित विकल्प है। पीपीएफ में निवेश करने वालों को लंबे समय के बाद भारी लाभ हो सकता है। पीपीएफ में निवेश किया गया धन इसलिए सुरक्षित है क्योंकि यह सरकार समर्थिक लघु बचत योजना है। बेशक पीपीएफ में निवेश करने पर ब्याज की दर वैसी नहीं मिलती जैसी कि इक्विटी निवेश में मिलती है। इक्विटी और म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर खतरा रहता है जबकि पीपीएफ में ब्याज की दर सुरक्षित दिखाई देती है। पिछले पांच वित्तीय वर्षों में पीपीएफ में ब्याज की दर 7.5 से 9 फीसदी के बीच रही। मौजूदा समय में ब्याज दर 7.9 फीसदी है और सरकार द्वारा तिमाही के आधार पर इसकी समीक्षा की जाती है।
पीपीएफ में निवेश के तीन कर लाभ मिलते हैं जबकि राशि प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपए हो। फंड में निवेश की राशि पर मिलने वाले ब्याज और समयसीमा पूरे होने पर धनराशि को निकालना आयकर से मुक्त है। प्रतिवर्ष पीपीएफ में अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपए निवेश करने से आप भारी धनराशि जमा कर सकते हैं। मौजूदा समय में पीपीएफ खाते की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है। अनुरोध करने पर यह अवधि 5 साल के लिए बढ़ाई जा सकती है और लोग पीपीएफ में निवेश जारी रख कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। टेबल के अनुसार आपका पीपीएफ में 1.50 लाख रुपए प्रतिवर्ष निवेश करने से मौजूदा समय में 7.9 फीसदी ब्याज के आधार पर 15 वर्षों में इतनी राशि बढ़ जाएगी।
एक पीपीएफ खाता किसी पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपने नाम से और नाबालिग की तरफ से किसी और व्यक्ति द्वारा खोला जा सकता है। हालांकि, नियमों के अनुसार, एक हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) के नाम पर एक पीपीएफ खाता खोला नहीं जा सकता है। इसके अलावा, एक संयुक्त खाता भी नहीं खोला जा सकता है। अकाउंटहोल्डर के अनुरोध पर एक पीपीएफ खाते को एक पोस्ट ऑफिस से दूसरे पोस्ट ऑफिस में या पोस्ट ऑफिस से बैंक या किसी बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है। इस सेवा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। पीपीएफ खाते से लोन और निकासी कब होगी, यह अकाउंट की उम्र के साथ-साथ निर्दिष्ट तिथि और बाकी राशि देखकर तय किया जाता है। आम तौर पर एक पीपीएफ खाता खोलने के बाद तीसरे वर्ष से छठे वर्ष के बीच लोन लिया जा सकता है, जबकि खाता खोलने के वर्ष से सातवें वित्त वर्ष के बाद हर साल निकासी की अनुमति है।