मदर डेयरी बनाएगी ‘बेकार प्लास्टिक का रावण’, गांधी जयंती पर होगा पुतले का पुनर्चक्रीकरण

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ही बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को छोड़ने की अपील पर अमल करते हुए मदर डेयरी ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। वह इसके तहत एक हजार किलोग्राम प्लास्टिक कचरे का रावण का पुतला तैयार करेगी लेकिन इसका दहन करने के बजाय गांधी जयंती पर पुनर्चक्रीकरण कराएगी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि इस महीने की शुरुआत में उसके बूथों के माध्यम से प्लास्टिक की थैलियां जमा करने की मुहिम शुरू की गई। इसके तहत दो अक्टूबर तक दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 1,000 किलोग्राम प्लास्टिक की थैलियां इकट्ठी की जाएंगी। इनसे रावण का पुतला तैयार किया जाएगा और गांधी जयंती के अवसर पर पुतले का पुनर्चक्रीकरण किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य 2020 तक 25 राज्यों में लगभग 832 टन प्लास्टिक एकत्र करने और उनका पुनर्चक्रीकरण करने का है। कंपनी उपभोक्ताओं को थैलियों वाले दूध के उपयोग के प्रति हतोत्साहित करने के लिए स्वचालित वेंडिंग मशीनों से बिकने वाले दूध को चार रुपए प्रति लीटर सस्ता कर रही है।
चौधरी ने कहा, ‘‘हम चार दशकों से टोकन दूध बेच रहे हैं और 1990 के दशक में थैलियों वाला दूध बेचना शुरू किया गया था। प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद हमने प्लास्टिक संग्रहण और पुनर्चक्रण अभियान शुरू किया है।” मदर डेयरी के निदेशक ने कहा, ‘‘हम अधिक उपभोक्ताओं को टोकन दूध खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मूल्य में पर्याप्त कमी कर रहे हैं। इससे हर दिन छह ग्राम प्लास्टिक बचाने में मदद मिलेगी, बशर्ते कि उपभोक्ता जिम्मेदारी महसूस करते हों और वे पर्यावरण की चिंता करते हों।” उन्होंने कहा कि इससे कंपनी के ऊपर सालाना 90 करोड़ रुपए का बोझ आने का अनुमान है। हालांकि इससे प्लास्टिक के इस्तेमाल में 900 टन कटौती भी होगी।