भारतीय गांवों का विकास भी पाक सेना को बर्दाश्त नहीं

भारतीय गांवों का विकास भी पाक सेना को बर्दाश्त नहीं
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जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से बौखलाई पाकिस्तान सेना को अब एलओसी पर भारतीय क्षेत्र के गांवों में चल रहे विकास कार्य भी बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। इसका प्रमाण रविवार को जिले के मेंढर सब डिवीजन के बालाकोट क्षेत्र में देखने को मिला। बालाकोट में सात दशक बाद सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ था। इसे रोकने के लिए पाकिस्तानी सेना ने न सिर्फ क्षेत्र में 9 घंटे तक भारी गोलाबारी की बल्कि काम में लगी जेसीबी पर भी मोर्टार दागे।

हमले में जेसीबी चालक इकबाल सहित तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। तीनों को सेना की कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों और पुलिस ने करीब 9 घंटे बाद देर रात करीब 12 बजे गोलाबारी के बीच से सुरक्षित निकाल अस्पताल में भर्ती कराया। अमर उजाला की टीम ने गांव में पहुंचकर लोगों से पाकिस्तान की नापाक हरकत को लकर बात की और उनकी समस्याएं जानीं….

बालाकोट फारवर्ड निवासी मकीन खान, सैद मोहम्मद और रकिया बी ने कहा कि फेंसिंग के आगे बसे हम लोग सड़क मार्ग न होने के चलते पिछले 70 वर्षों से हर रोज सात-आठ किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते आ रहे हैं। अब सरकार ने सड़क निर्माण शुरू करवाया है।रविवार दोपहर करीब 3 बजे बाद जैसे ही जेसीबी से काम शुरू हुआ तो पाकिस्तानी सेना ने जेसीबी को निशाना बनाकर दर्जनों मोर्टार दागे। इसमें दो महिलाएं और एक बच्चा घायल हो गया। इसके बाद घरों पर भी गोले दागे। यही नहीं गोलाबारी में घायल हुए तीनों लोगों को भी नहीं निकालने दिया।

जैसे ही सेना के जवान घायलों की तरफ रुक करते पाकिस्तानी सेना के जवान गोलाबारी शुरू कर देते। दोपहर 3 बजे शुरू हुआ रेस्कयू ऑपरेशन रात 12 बजे सफल हो सका। सैन्य जवान, पुलिस और ग्रामीण रेंगते हुए घायलों तक पहुंचे और उन्हें वहां से निकाला। यही नहीं निर्माण कार्य शुरू न हो सके, सोमवार सुबह भी पाकिस्तानी सेना जेसीबी के आसपास गोलाबारी करती रही।

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