प्याज की महक में हैरोइन की गंध पहचानना मुश्किल

अमृतसर
भारतीय सब्जी मंडियों में प्याज की किल्लत को देखते हुए अफगानिस्तान का कड़वा प्याज आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते भारी मात्रा में आयात किया जा रहा है। पाकिस्तान के रास्ते 60 ट्रक अफगानी प्याज आई.सी.पी.अटारी बार्डर पर आया जिसको देखते हुए कस्टम विभाग ने अफगानी प्याज की सिंगल लेयर चैकिंग शुरू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार का रिस्क शून्य हो जाए। इससे पहले शनिवार को 87 ट्रक अफगानी प्याज आई.सी.पी.पर आया था जिसमें से 20 ट्रकों को वापस लौटा दिया गया।
वहीं अफगानिस्तान से आयात किए जा रहे प्याज की चैकिंग करना कस्टम विभाग के स्निफर डॉग्स के लिए आसान काम नहीं है क्योंकि प्याज की महक के बीच हैरोइन की गंध को पहचान पाना काफी मुश्किल काम है। सुरक्षा एजैंसियों को जानकारी मिली है कि अफगानी प्याज के अंदर हैरोइन की खेप आ सकती है। पाकिस्तान यह शरारत पहले भी कर चुका है। हैरोइन को प्याज की बोरियों में पैक करते समय यदि किसी प्रकार की लीकेज रह जाए तो उससे निकलनी वाली गंध को स्निफर डॉग्स आसानी से ट्रेस कर सकता है लेकिन हैरोइन तस्कर ऐसे मौके कम ही देते हैं।
अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की चैकिंग करने के लिए कस्टम विभाग की तरफ से आयातित प्याज को जमीन पर रख दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार की संदिग्ध वस्तु जिसको प्याज की बोरियों के अन्दर छिपाया गया हो उसके ट्रेस किया जा सके। वैसे भी अफगानिस्तान का प्याज किसी जूट बैग में नहीं बल्कि प्लास्टिक के धागे वाले बैग में पैक होकरआ रहा है, जिसके अंदर किसी भी हैरोइन या सोने जैसी वस्तु को आसानी के साथ छिपाया नहीं जा सकता है।
आई.सी.पी.अटारी बार्डर पर ही अफगानिस्तान के सेब की पेटियों में से 33 किलो सोना जब्त किए जाने के बाद व पाकिस्तान से आयातित नमक की खेप से 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स पकड़े जाने के बाद कस्टम विभाग अब किसी भी प्रकार का रिस्क लेने को तैयार नहीं है। आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर ट्रक स्कैनर तो काम नहीं कर रहा है लेकिन कस्टम विभाग प्याज की चैकिंग करने के लिए स्निफर डॉग्स का प्रयोग कर रहा है। इसके लिए कस्टम विभाग ने बी.एस.एफ.के स्निफर डॉग्स की भी मदद लेनी शुरू कर दी है।
ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके। कस्टम विभाग की ही भांति बी.एस.एफ.के स्निफर डॉग्स भी किसी भी प्रकार की नशीली वस्तु को ट्रेस करने में माहिर हैं। एकतरफ जहां अफगानिस्तान के प्याज का भारी मात्रा में आयात हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सब्जी मंडियों में रिटेल में प्याज के दाम आज भी 120 रुपए के पार हैं। प्याज की ब्लैक हो रही है। इसमें कोई शक नहीं है और प्रशासनिक लापरवाही के चलते आम जनता का प्याज विक्रेताओं की तरफ से भारी शोषण किया जा रहा है।