खाड़ी क्षेत्र में अमेरिकी सेना की मौजूदगी से बिगड़े हालात: ईरान

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने रविवार को कहा कि खाड़ी क्षेत्र में अमेरिका की सैन्य मौजूदगी से परिस्थितियां और खराब हुई हैं तथा इससे कट्टरपंथ को बढ़ावा मिला है। प्रेस टीवी ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। जरीफ ने कतर की राजधानी दोहा में कहा, कुछ वैश्विक शक्तियां इस खाड़ी क्षेत्र में असमानताओं और बढ़ती प्रतिद्वंद्विता को एक अवसर के रूप में देखती हैं जो यहां अपनी सैन्य मौजूदगी का विस्तार करने तथा अपने हथियारों को बेचने के लिए एक जमीन तैयार करने का काम करती हैं। ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में विदेशी सेनाओं की उपस्थिति से सुरक्षा मजबूत नहीं हुई है बल्कि परिस्थितियां और खराब हुई हैं। अमेरिका की खाड़ी देशों को हथियार बेचने की नीति से इस क्षेत्र में हथियारों की होड़ को और अधिक बढ़ावा मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गत वर्ष मई में ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते बहुत ही तल्ख हो गए हैं। इस परमाणु समझौते के प्रावधानों को लागू करने को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है। अमेरिका ने ईरान पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी।