NRC और CAA संविधान की आत्मा को नष्ट करने का कानून: प्रदीप टम्टा

केन्द्र सरकार द्वारा पास किए गए एनआर और सीएए कानून पर राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एनआरसी और सीएए संविधान की आत्मा को नष्ट करने का कानून है। प्रदीप टम्टा ने कहा कि यह कानून देश के अपने ही लोगों में धार्मिक विभाजन का बीज बो रहा है। उन्होंन कहा कि भारतीय का संविधान देश की नागरिकता में भेद नहीं करता है। इसलिए पूरे देश में इस कानून का विरोध हो रह है। नागरिकता संशोधन बिल के माध्यम से महज कुछ देश के लोगों को ही नागरिकता दी जा रही है। बीजेपी एक धर्म विशेष को अलगाव में डाल रही है। इस देश की संविधान की भावनाओं का भाजपा नष्ट करने का कार्य कर रही है। वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे नोट बंदी से पूरे देश सड़क पर आ गया था अब फिर लोगों को लाइन में खड़ा कर अपनी नागरिकता साबित करनी होगी। एक तरफ सरकार महंगाई पर लगाम नहीं लगा रही है, तमाम उद्योग धंधे बंद हो रहे हैं। देश में बेरोगारी चरम पर है। रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे हैं। हम अपने शासति प्रदेशों में एनआरसी को लागू नहीं होने देंगे। यह एक जनविरोधी कानून है देश के संविधान की आत्मा को नष्ट करने और फासीवाद को बढावा देने का कानून है।