महाराष्ट्र : क्या यह परिवारवाद नहीं…? पिता CM पुत्र मंत्री

महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। इससे पहले भी कई पिता-पुत्र एक साथ एक ही सरकार में मंत्री रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में पहली बार है। जो बाप ने अपने बेटे को अपने मंत्रीमंडल में शामिल किया है। उद्धव सरकार की मंत्रिमंडल की कैबिनेट का पहला विस्तार सोमवार को हो गया है, जिसमें 36 नए मंत्री पद की शपथ ले ली है। दिलचस्प बात यह रही कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बना दिया है। महाराष्ट्र की सियासत में यह पहली बार हुआ है कि जब पिता-पुत्र एक साथ एक ही सरकार में मंत्री बने हैं।
देश में पिता-पुत्र की पहली जोड़ी तमिलनाडु की राजनीति में देखने को मिली थी, जहां एक ही सरकार में बाप-बेटे एक साथ मंत्री रहे हैं। तमिलनाडु में डीएमके की 2006 में सरकार बनी तो सत्ता की कमान करुणानिधि ने संभाला और मुख्यमंत्री बने। करुणानिधि ने अपना सेनापति अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी। स्टालिन 2006 से 2009 तक मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली और 2009 से 2011 तक डिप्टी सीएम बन गए। पंजाब में प्रकाश सिंह बादल,सुखबीर सिंह बादल पिता-पुत्र की जोड़ी एक साथ एक ही सरकार में मंत्री रहे हैं। 2007 में अकाली दल की पंजाब में सरकार बनी और प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री बन गए। ऐसे में बादल ने अपनी राजनीतिक विरासत को बेटे सुखबीर सिंह बादल सौंपने के लिए 2008 में अकाली दल की कमान सौंप दी। एक साल बाद 2009 में बादल सरकार में सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम बनाए गए। इसके बाद 2012 में अकाली दल की सरकार बनी तो प्रकाश सिंह बादल एक बार फिर सीएम बने और सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम बने।