अंबिकापुर से जल्द शुरू होगी अंतरदेशीय विमान सेवा

अंबिकापुर
सरगुजा के दरिमा एयरपोर्ट अंतरदेशीय विमान सेवा शुरू करने के लिए सरकार ने भी प्रयास तेज कर दिए हैं। केंद्र सरकार की छोटे विमान तलों को दैनिक विमान सेवा से जोड़ने की योजना के तहत छत्तीसगढ़ में जगदलपुर, बिलासपुर और सरगुजा के एयपोर्ट को तैयार किए जाने कवायद चल रही है। इस क्रम में जगदलपुर से राजधानी रायपुर और झारसुगुड़ा के लिए विमान सेवा शुरू भी हुई थी, लेकिन तकनीकि कारणों से यह सेवा बंद हो गई।
बिलासपुर एयपोर्ट के विस्तार की कवायद धीमी पड़ी है, इस वजह से वहां नागरिक आंदोलन भी इन दिनों चल रहा है। दूसरी तरफ अम्बिकापुर के दरिमा एयपोर्ट के विस्तार के लिए अब राज्य सरकार की ओर से तेज प्रयास शुरू हो गए हैं। लोक निर्मांण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने दरिमा एयरपोर्ट के विस्तार की समीक्षा करते हुए कहा कि ओएलएस सर्वे शीघ्र कराएं और उसके रिपोर्ट के मुताबिक रन-वे के लंम्बाई-चौड़ाई में विस्तार करें।
जमीन अधिग्रहण की आवश्यकता हो तो उसके लिए आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही परदेशी ने भवनों के गुणवत्ता पर जोर देते हुए कहा कि निर्माण कार्य का एसडीओ द्वारा शत प्रतिशत सुपरविजन किया जाय कहीं भी गुणवत्ता में समझौता न करें। दरिमा हवाई पट्टी की लंबाई 1500 मीटर है, इससे निर्माण और मरम्मत में लोक निर्माण विभाग के 14 करोड़ के अलावा जिला खनिज विकास के अंतर्गत 3 करोड़ 60 लाख रुपए खर्च किए गए हैं।
दरिमा एयरपोर्ट के उन्न्यन के लिए राज्य सरकार के विमानन विभाग ने 46.27 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। पहले चरण में पांच करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए हैं। विमानन विभाग ने स्वीकृत राशि से कार्यों को भी प्रस्तावित कर दिया है। लोक निर्माण विभाग को एजेंसी बनाया गया है, लेकिन प्रशासकीय स्वीकृति में कंसलटेंट नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है। इससे डीजीसीए के मानक के अनुरूप दरिमा हवाई अड्डे का उन्न्यन समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो सकेगा।
अंबिकापुर से 15 किमी दूर ग्राम दरिमा स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किया जा चुका है। घरेलू विमान सेवाओं के लिए इसे लगभग डेढ़ साल पहले ही तैयार कर लिया गया था, लेकिन विमानन कंपनियों से अनुबंध को लेकर उत्पन्न विसंगतियों के कारण यहां से घरेलू विमान सेवा आजतक शुरू नहीं हो सकी है।
घरेलू विमान सेवाओं के अनुरूप इसे तैयार किया गया था। पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में ही उम्मीद थी कि 17 अथवा 32 सीटर की विमान की घरेलू सेवाएं यहां से आरंभ हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उम्मीदें धरी की धरी रह गई। बताया गया कि जिस कंपनी से शासन स्तर पर अनुबंध हुआ था, उसने निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया।
जिस वजह से अनुबंध निरस्त कर नई निविदा जारी की गई थी। सारी प्रक्रिया उलझकर रह जाने के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद कम सीटर विमान के बजाए ज्यादा सीटों के विमान के लैंडिंग और टेकआफ की सारी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्णय लिया गया।