कैप्टन ने ‘AAP’ के दिल्ली विकास मॉडल को किया रद्द

चंडीगढ़/जालंधर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली के विकास मॉडल को रद्द करते हुए कहा कि इसे कुछ ज्यादा ही हवा दे दी गई है जबकि व्यवहार में ऐसा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में शिक्षा तथा बिजली सबसिडी देने के मामले में केजरीवाल सरकार के दावों की तुलना में पंजाब में इन दोनों मामलों में कुछ ज्यादा ही कार्य हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद पंजाब में उनकी सरकार ने इस वर्ष 12000 करोड़ की कुल बिजली सबसिडी का भुगतान किया जिसमें से 9000 करोड़ की सबसिडी कृषि क्षेत्र, 1500 करोड़ की सबसिडी इंडस्ट्री तथा 1900 करोड़ रुपए की सबसिडी घरेलू खपतकारों को दी। व्यापारिक संस्थाओं जैसे व्यापार व कारोबार के लिए बिजली दरों को अफोर्डेबल रखा गया है।
ये दरे पंजाब में 7.75 रुपए प्रति यूनिट रही जबकि दिल्ली में ये दरें 10.90 रुपए प्रति यूनिट है। उद्योग के लिए बिजली दरों को 5 रुपए प्रति यूनिट तय किया गया था जैसा कि उनकी सरकार ने वायदा किया था। उन्होंने अपनी सरकार के 9 नुक्तों का ऐलान किया था जिसमें अफोर्डेबल बिजली, पानी, सफाई, सुरक्षा आदि व्यापार व उद्योग को उपलब्ध करवानी थी। पंजाब में 3 वर्षों में उद्योगों के लिए 2855 करोड़ की बिजली सबसिडी दी गई है।
घरेलू खपतकारों के लिए उच्च बिजली दरों के बारे में उन्होंने कहा कि इन्हें घटाकर अफोर्डेबल स्तरों पर लाया जाएगा। उन्होंने राज्य बिजली विभाग तथा पंजाब राज्य बिजली निगम को बिजली दरें पड़ोसी राज्यों के बराबर रखने के लिए कहा है। उनकी सरकार जल्द ही इस संबंध में एक व्यापक नीति लेकर आ रही है। उनकी सरकार सभी घरेलू खपतकारों को अफोर्डेबल कीमत पर बिजली देने के लिए कृतसंकल्प है तथा इसके लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए उनकी सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा प्राइवेट बिजली कम्पनियों से किए गए बिजली समझौतों पर पुनॢवचार करने के लिए कहा है।
उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में पास प्रतिशत पिछले वर्ष अपेक्षाकृत पंजाब में बेहतर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 में 10वीं कक्षा का दिल्ली में पास प्रतिशत नतीजा 72 प्रतिशत रहा जबकि पंजाब में यह 88 प्रतिशत था। राज्य में स्कूलों को अपग्रेड किया जा रहा है तथा उन्हें स्मार्ट स्कूल के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है।
तरनतारन में नई राज्य स्तरीय कानून यूनिवर्सिटी की स्थापना की जा रही है। कैप्टन ने कहा कि उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि वह कालेजों में विशिष्ट शिक्षा उपलब्ध करवाने की संभावनाओं का पता लगाएं। जर्मनी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब में मात्र बी.ए. की डिग्री कर लेना ही पर्याप्त नहीं है। भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्किल डिवैल्पमैंट जरूरी है।
कैप्टन ने कहा कि राज्य में 1714 प्लेसमैंट कैंप आयोजित किए गए जिसमें सरकारी क्षेत्र में 57,905 युवाओं तथा प्राइवेट क्षेत्रों में 3,96,775 नौकरियां दी गईं। स्वरोजगार के तहत 7,61,289 युवाओं को चुना गया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सदस्य स्पीकर से ये आंकड़े लेकर इसकी पुष्टि कर सकते हैं।