निकाय चुनाव में ‘बांग्ला गरबो ममता’ नारे के साथ उतरेगी तृणमूल

निकाय चुनाव में ‘बांग्ला गरबो ममता’ नारे के साथ उतरेगी तृणमूल
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कोलकाता

कोलकाता नगर निगम सहित राज्य के एक सौ से ज्यादा नगर पालिकाओं के लिए होने वाले चुनाव के लिए तृणमूल ने सोमवार को अपने चुनावी अभियान का आगाज कर दिया। कोलकाता के नेताजी इनडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में तृणमूल ने ‘बांग्ला गरबो ममता’ नाम से अपने नए अभियान को लांच किया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसकी लॉन्चिंग करते हुए कहा कि आगामी 75 दिनों तक चलने वाले इस अभियान में सीधे तौर पर पार्टी नेता व कार्यकर्ता राज्य के ढाई करोड़ लोगों तक पहुंचेगी। तीन चरणों में यह अभियान 10 मई तक चलेगा।

समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को इस अभियान के साथ जोड़ा जाएगा। पार्टी के करीब 75000 नेता व जमीनी कार्यकर्ता सीधे तौर पर जनता के साथ संवाद करेंगे। गौरतलब है कि तृणमूल इससे पहले दीदी के बोलो अभियान चला रही थी। इधर, 1 दिन पहले प्रदेश भाजपा ने भी निकाय चुनाव को लेकर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की थी।

गृह मंत्री अमित शाह ने आर नोय अन्याय नामक इस अभियान की शुरुआत की थी। ममता ने इस मौके पर कहा कि वह देश से भाजपा सरकार को बाहर निकाल कर ही दम लेगी। अभियान राज्यव्यापी 75 दिनों तक चलेगा तथा इससे एक लाख से ज्यादा नेता व कार्यकर्ता जुड़ेंगे। माना जा रहा है कि यह अभियान राज्य सरकार के गुड गवर्नेस यानी सुशासन पर केंद्रित होगा। दरअसल, बंगाल में भाजपा के जय श्री राम के नारे का मुकाबला करने के लिए तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही देवी दुर्गा की ओर से रूख किया। साथ ही तृणमूल को अपने साढ़े आठ वर्षो के शासन में हुए विकास कार्यो पर काफी भरोसा है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव में भी इसी के सहारे उतरने का पहले ही संकेत दे चुकी है।

सूत्रों का कहना है कि यह अभियान सुशासन व देवी दुर्गा पर ही केंद्रित होगा। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने तृणमूल के इस नवीनतम अभियान को आकार दिया है। दरअसल, ममता बनर्जी और उनकी पार्टी को अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों के अधिकारों की आक्रामक रक्षा के चलते बंगाल में हिदुओं के बीच समर्थन खोने का खतरा महसूस हो रहा है, ऐसे में इस अभियान के जरिए अपनी सरकार के काम को उजागर कर भाजपा को चुनौती देने की तैयारी है।

इस अभियान के जरिए मंदिरों और अन्य धरोहरों को विकसित करने की दिशा में किए काम को भी प्रदर्शित किया जाएगा।पार्टी सूत्रों की मानें तो आम आदमी पार्टी की दिल्ली विधानसभा चुनाव में सफल अभियान की तर्ज पर तृणमूल भी अपने अभियान में यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि वह नफरत की राजनीति नहीं करती बल्कि विकास ही उनका मूल मंत्र है। आगामी दिनों में तृणमूल सरकार कुछ लोक लुभावन योजनाएं भी शुरू कर सकती है। इससे पहले अभी हाल में राज्य बजट में ममता सरकार ने दिल्ली की तर्ज पर बंगाल में भी गरीब लोगों को तीन महीने में 75 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी।

Admin

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