प्रशांत किशोर को कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत

प्रशांत किशोर को कोर्ट से नहीं मिली अंतरिम राहत
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पटना

पटना की एक अदालत ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में आज चुनावी रणनीतिकार और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर को किसी तरह का अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। वहीं इस मामले को अब सेशन कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रशांत किशोर की ओर से सोमवार को दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश रुद्रप्रकाश मिश्रा ने उन्हें अंतरिम राहत देने की उनके अधिवक्ता की प्रार्थना को अस्वीकार कर दिया।

किशोर के अधिवक्ता ने अदालत से प्रार्थना की थी कि जब तक अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला नहीं आ जाता है तब तक उनके मुवक्किल के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाए। न्यायाधीश मिश्रा ने इसके साथ ही इस मामले को सुनवाई के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश 12 की अदालत में स्थानांतरित भी कर दिया। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 7 मार्च को होगी। वहीं गौतम का आरोप है कि ‘‘बिहार की बात” के नाम से उन्होंने एक प्रोजेक्ट बनाया था, जिसे भविष्य में लॉन्च करने की बात चल रही थी। इसी बीच उनके यहां काम करने वाले ओसामा ने इस्तीफा दे दिया और उसने सारा कंटेंट किशोर के हवाले कर दिया। इसके बाद किशोर ने उन सारे कंटेंट को अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है।

बता दें कि प्रशांत किशोर के खिलाफ 27 फरवरी को पटना के पाटलिपुत्र थाना में मोतिहारी के रहने वाले शाश्वत गौतम ने धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। गौतम ने उनपर अपने अभियान (बात बिहार की) के कंटेंट की नकल करने का आरोप लगा है। प्राथमिकी में एक अन्य युवक ओसामा का भी नाम है। ओसामा पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ सचिव का चुनाव लड़ चुका है।

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