विवादों के बीच केटीयू के नए कुलपति ने संभाला पदभार

विवादों के बीच केटीयू के नए कुलपति ने संभाला पदभार
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रायपुर

छत्तीसगढ़ में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय पहले कुलपति नियुक्त नहीं हो पाने के कारण चर्चा में था तो अब कुलपति की नियुक्ति के बाद यहां घमासान मचा हुआ है। स्थिति यह है कि जहां विश्वविद्यालय के भीतर एबीवीपी और एनएसयूआई आमने सामने हैं तो बाहर राजभवन और कांग्रेस की सरकार आमने सामने हैं। आलम ये है कि यूनविर्सिटी पढ़ाई लिखाई के बदले सियासी अखाड़ा बन गया है।

हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ. नव नियुक्त कुलपति प्रो. बल्देवभाई शर्मा सुबह यूनिवर्सिटी में पदभार ग्रहण करने पहुंचे तो उन्हें कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई का विरोध झेलना पड़ा। एनएसयूआई ने मेन गेट पर धरना दिया। इसके बाद कुलपति जिस चेंबर में बैठे थे, वहां धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद प्रो. शर्मा बगैर पदभार ग्रहण किए ही लौट गए. इसके बाद उन्होंने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की।

राज्यपाल से मिलने के बाद प्रो. बल्देव शर्मा फिर एबीवीपी, बीजेपी के कार्यकर्ताओं के घेरे में केटीयू गए और पदभार ग्रहण किया. इन सबके बीच राजभवन और कांग्रेस सरकार के बीच ठन गई है. कांग्रेस के प्रदेश संचार प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी का कहना है कि शिक्षण संस्थानों में किसी संघी को बर्दाश्त नहीं कर सकते। इसके जवाब में बीजेपी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि कोई न कोई किसी न किसी विचारधारा से जुड़ा होता है।

इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।सरकार लेगी उचित निर्णय : पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि नियुक्ति में सरकार से परामर्श नहीं लिया गया. जबकि नियमानुसार सरकार से बगैर परमर्श किए नियुक्ति आदेश जारी नहीं किया जा सकता।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि साम्प्रदायिकता का जहर छत्तीसगढ़ की तासीर में नहीं है। कांग्रेस पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आरएसएस विचारधारा के कुलपति की नियुक्ति का विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विरोध का पुरजोर समर्थन करती है। राजभवन द्वारा की गई राज्य सरकार की अनुशंसाओं की अवहेलना उचित नहीं है। स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ की तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित सरकार के कामों में किस तरह से अडंगेबाजी की जा रही है। यह सीधे-सीधे आरएसएस द्वारा केन्द्र राज्य संबंधों में हस्तक्षेप का मामला है।

छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति कोई जाना माना पत्रकार नियुक्त होता तो छत्तीसगढ़ के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता। पत्रकारिता विश्वविद्यालय को संघ की विचारधारा के प्रचार-प्रसार का केन्द्र बनाने की कोशिशों का कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।

Admin

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