संभलकर खेल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अब स्लॉग ओवरों वाली माइंडसेट बैटिंग

लखनऊ
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार इस महीने अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लेगी। क्रिकेट की भाषा में कहें तो 30 ओवर पूरे हो गए। 20 ओवर बैटिंग बाकी है, सो अब तक जरा संभलकर खेल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब स्लॉग ओवरों वाले माइंडसेट में आक्रामक होते दिख रहे हैं। यानी अब हर बॉल पर आगे निकलकर चौका या छक्का जड़ना है। मीडियाजनित धारणा को तोड़ने का मन बना चुके : योगी और उनकी टीम पूरे 50 ओवर खेलकर ही पेवेलियन लौटेगी। विकास कार्य पिछले तीन साल भी हुए, पर सांस्कृतिक एजेंडे की आक्रामकता ने विपक्ष को यह कहने का मौका भी दिया कि मुख्यमंत्री का ध्यान सिर्फ भगवा एजेंडे पर है, उन्हें आम आदमी की कठिनाइयों की फिक्र नहीं।
अब ऐसा लग रहा कि मुख्यमंत्री इस मीडियाजनित धारणा को तोड़ने का मन बना चुके हैं। होली के तुरंत बाद 15 मार्च से उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों का मुआयना करने जा रहे हैं। क्या पता, किस जिले में योगीजी का उड़नखटोला उतर जाए : खास बात यह है कि मुख्यमंत्री का भी हेलीकॉप्टर अचानक जिलों में उतरेगा। वह स्वयं भी विकास का सच देखेंगे। अधिकारियों ने कोरोना का बहाना करके होली न मनाने का निश्चय किया है, ताकि बचे दिनों में ज्यादा से ज्यादा उपलब्धि अर्जित की जा सके। होली पर लोग पर्यटन की प्लानिंग करते हैं, पर इस बार मंडल, जिला, तहसील औैर ब्लॉक मुख्यालयों के दफ्तरों में छुट्टियां अघोषित तौर पर रद कर दी गई हैं। चर्चा तो यह भी है कि अधिकारियों से अधिक बेचैनी कई मंत्रियों में है।
वे दिन में कई-कई बार अपने अधिकारियों को फोन करके अपडेट लेते हैं कि मुख्यमंत्री के निरीक्षण प्लान के मद्देनजर तैयारी का क्या स्टेटस है? क्या पता, किस जिले में योगीजी का उड़नखटोला उतर जाए। अधिकारियों को यह सुविधा जरूर है कि मार्च का महीना होने के कारण बजट की कमी नहीं है, यद्यपि इस सूचना से उन्हें घबराहट भी हो रही कि मौका मुआयना के लिए लोकेशन और साइट का चयन पहले ही प्राप्त किए जा चुके फीडबैक के आधार पर किया जाएगा।
अधिकारी इस बात का मतलब समझते हैं, इसलिए डैमेज कंट्रोल की कवायद जारी है। वे विभाग और अधिकारी कुछ ज्यादा ही टेंशन में हैं जो अब तक मुख्यमंत्री के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को ठेंगा दिखाते आ रहे थे। जाहिर है कि मुख्यमंत्री खुद देखेंगे तो उन्हें सड़क के गड्ढे भी दिखेंगे और सूखी नहरें भी। अधिकारियों को लगता है कि फीडबैक भाजपा संगठन के माध्यम से लिया जा रहा है, इसलिए जिलों में नए-नए पदाधिकारी बने भाजपाइयों के घर खास विभागों से गुझिया-नमकीन की डलिया पहुंच रही है। होली है तो गिफ्ट लेने में कोई हर्ज नहीं, पर इससे किसी को फायदा नहीं होने वाला।