कोरोना: न्यायालय का कोविड-19 के इलाज के लिए वैकल्पिक औषधियों की संभावना पर विचार से इनकार

उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण से ग्रस्त मरीजों के उपचार के लिए वैकल्पिक औषधियों यूनानी और होम्योपैथिक की संभावनाएं तलाशने का प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर बुधवार को विचार करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की तीन सदस्यीय पीठ से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि चूंकि कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई भी औषधि उपलब्ध नहीं है, इसलिए वैकल्पिक यूनानी और होम्योपैथिक दवाओं से इसके इलाज की संभावना तलाशी जानी चाहिए।हालांकि, पीठ ने कहा कि कोरोना एक नया वायरस है। हम इसके लिए प्रयोग नही कर सकते। विशेषज्ञों को इसके इलाज की वैक्सीन तैयार करने दीजिए। थोड़ा इंतजार कीजिए। पीठ ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए वैकल्पिक औषाधियों की संभाना तलाशने के लिए डॉ. सी आर शिवराम की जनहित याचिका पर विस्तार से सुनवाई के बाद उसे खारिज कर दिया।
सफाईकर्मियों को सुरक्षा किट दिए गए, केंद्र ने न्यायालय को बताया
वहीं केंद्र ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि देश में सफाईकर्मियों को आवश्यक सुरक्षा किट प्रदान कर दिए गए हैं और कोरोना वायरस के संबंध में प्राधिकारी विश्व स्वास्थ संगठन के दिशा निर्देशों का पालन कर रहे हैं।न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूति बी आर गवई की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केंद्र ने एक जनहित याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता हरनाम सिह ने दायर की थी जिसमें कहा गया था कि सफाईकर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि चिकित्सकों, नर्सो, मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों सरीखे दूसरे कोरोना योद्धाओं को आवश्यक सुरक्षा उपकरण मुहैया करा दिए गए हैं।पीठ ने केंद्र की दलीलों पर गौर करते हुए जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया और याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि अगर उनके पास कोई विशेष मामला है तो वह राहत के लिए संबंधित उच्च न्यायालय में जा सकते हैं।