बढ़त पर खुलने के बाद सपाट स्तर पर पहुंचा बाजार

सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को शेयर बाजार बढ़त पर खुला। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स की शुरुआत 291.04 अंक यानी 0.92 फीसदी की बढ़त के साथ 31879.76 के स्तर पर हुई। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 45.50 अंक यानी 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 9312.25 के स्तर पर खुला।
इसके बाद सुबह 11.41 बजे शेयर बाजार सपाट स्तर पर पहुंच गया था। बीएसई का सेंसेक्स 4.38 अंक (0.01 फीसदी) की तेजी के साथ 3593.10 के स्तर पर था। वहीं एनएसई का निफ्टी 16.60 अंक यानी 0.18 फीसदी की गिरावट के बाद 9250.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।
दिग्गज शेयरों का हाल
दिग्गज शेयरों की बात करें तो आज एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, इंफोसिस, वेदांता लिमिटेड, एचडीएफसी, अडाणी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फिन्सर्व और आईओसी के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं ओएनजीसी, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, डॉक्टर रेड्डी, सिप्ला, इंफ्राटेल, गेल, सन फार्मा, एशियन पेंट्स और कोल इंडिया के शेयर लाल निशान पर खुले।
विमानन कंपनियों के शेयर लुढ़के
विमानन नियामक डीजीसीए ने विमानन कंपनियों को निर्देश दिया कि वे तीन मई के बाद भी यात्रा टिकट की बुकिंग न करें, जिसके चलते इन कंपनियों के शेयरों में सोमवार को 5.5 फीसदी तक की गिरावट हुई। बॉम्बे शेयर बाजार में इंटरग्लोब एविएशन के शेयर 5.47 फीसदी टूटकर 1,010.65 रुपये के भाव पर आ गए, जबकि स्पाइसजेट के शेयर 2.77 फीसदी की गिरावट के साथ 47.25 रुपये के भाव पर थे। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार को विमानन कंपनियों को निर्देश दिया कि वे तीन मई के बाद यात्रा के लिए बुकिंग लेना बंद कर दें और साथ ही आश्वासन दिया कि उड़ान संचालन फिर से शुरू करने के लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया जाएगा। डीजीसीए ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘सभी एयरलाइनों को टिकट बुक करने से परहेज करने के लिए निर्देशित किया गया है और आगे एयरलाइनों को परिचालन शुरू करने के लिए सूचना और पर्याप्त समय दिया जाएगा।’’
सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर
सेक्टोरियल इंडेक्स पर नजर डालें, तो आज एफएमसीजी, मीडिया और फार्मा के अतिरिक्त सभी सेक्टर्स हरे निशान पर खुले। इनमें रियल्टी, बैंक, प्राइवेट बैंक, ऑटो, मेटल, आईटी और पीएसयू बैंक शामिल हैं।
अमेरिकी बाजारों में तेजी
शुक्रवार को अमेरिकी बाजार डाउ जोंस में करीब 705 अंकों यानी 3 फीसदी की तेजी रही और यह 24,242.49 के स्तर पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स में 75.01 अंकों यानी 2.68 फीसदी की तेजी देखी गई और यह 2,874.56 के स्तर पर बंद हुआ। नैसडैक 117.78 अंक यानी 1.38 फीसदी की तेजी के साथ 8,650.14 के स्तर पर बंद हुआ। इसकी वजह से घरेलू बाजार में भी तेजी आई है।
एशियाई बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों की बात करें, तो सोमवार को एसजीएक्स निफ्टी में 0.30 फीसदी तेजी तो निक्केई 225 में 1.12 फीसदी की कमजोरी देखने को मिल रही है। हैंगसैंग में 0.24 फीसदी की तेजी देखने को मिल रही है और शंघाई कम्पोजिट में 0.35 फीसदी की बढ़त है।
शुरुआती कारोबार में रुपये में 11 पैसे की गिरावट
भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 11 पैसे लुढ़ककर 76.50 के स्तर पर पहुंच गया। विदेश में डॉलर के मुजबूत होने और भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के चलते रुपये पर दबाव देखने को मिला। मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि घरेलू शेयर बाजार में मजबूती से रुपये को समर्थन मिल रहा है, जबकि विदेशों में डॉलर में तेजी रुपये पर दबाव बना रही है। इसके चलते रुपया एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया कमजोर रुख के साथ 76.43 पर खुला और फिर पिछले बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे गिरकर 76.50 तक आ गया। रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 76.39 पर बंद हुआ था।
FPI ने 1,391.98 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचे
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पूंजी बाजार में शुद्ध विक्रेता थे और उन्होंने सकल आधार पर 1,391.98 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों को बेचा। कारोबारियों के अनुसार कोविड-19 महामारी को लेकर चिंता बनी हुई है, जिससे निवेशकों को परेशानी हो रही है।
पड़ोसी देशों से आने वाले FDI के लिए सरकारी मंजूरी जरूरी
सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच अनुकूल मौका देखते हुए घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण की किसी भी कोशिश पर रोक लगाने के लिए भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले विदेशी निवेश के लिए सरकारी मंजूरी को शनिवार को अनिवार्य बना दिया। इस कदम से चीन सहित विभिन्न पड़ोसी देशों से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में अवरोध खड़ा होगा। भारत के साथ जमीनी सीमाएं साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान शामिल हैं।
डीपीआईआईटी ने बताया, भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं। भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी यदि इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, तो ऐसे निवेश के लिए भी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।