नासा ने मरीजों के लिए बनाया हाईप्रेशर वेंटिलेटर

कोरोना के इलाज व सरल जांच की खोजों में जुटे दुनियाभर के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के साथ अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी मैदान में उतर गए हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इंजीनियरों ने एक हाईप्रेशर वेंटिलेटर तैयार किया है, जिसका प्रयोग कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाएगा।
नासा की जेट प्रॉपल्शन लैब के निदेशक माइकल वॉटकिन्स ने बताया, हम अंतरिक्ष यान बनाने के विशेषज्ञ हैं न कि मेडिकल उपकरणों के, लेकिन हमारे पास बेहतरीन इंजीनियरिंग टीम है, जो कि वैज्ञानिकों और चिकित्सकों की भी मदद कर सकती है।
उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर इंटरवेंशन टेक्नोलॉजी एक्सेसिबल लोकली (वीआईटीएल) प्रणाली से कोरोना के लक्षण वाले मरीजों का बेहतर इलाज संभव है। ये उन मरीजों के लिए बेहतर होगा, जिनकी तकलीफ बिना वेंटिलेटर के बढ़ती है। न्यूयॉर्क के इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन में इस तकनीक ने पहली परीक्षा पास कर ली है।
गंभीर स्थिति में जाने से बचाएगा…
नासा के चीफ हेल्थ एंड मेडिकल अफसर डॉ. जेडी पॉल्क का कहना है कि वीआईटीएल से मरीजों को गंभीर स्थिति में जाने से बचाया जा सकता है। नासा का कहना है कि वीआईटीएल से जिन मरीजों का इलाज किया जाएगा, उन्हें बेहोशी की हालत में ऑक्सीजन ट्यूब लगाई जाएगी, जैसा दूसरे वेंटिलेटरों में होता है। नासा के मुताबिक,हमने कोरोना मरीजों के इलाज को ही ध्यान में रखकर इसे तैयार किया है।
आम वेंटिलेटर से कम हैं पुर्जे
नासा का दावा है कि इस वेंटिलेटर में आम वेंटिलेटर की तुलना में बहुत कम पुर्जे इस्तेमाल हुए हैं। खास बात ये है कि इसमें इस्तेमाल चीजें भी आसानी से मिल जाएंगी। बेहतर बात ये है कि इसे फील्ड अस्पताल, हॉल या होटल में भर्ती मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है और इसमें आसानी से बदलाव किया जा सकता है।
एफडीए से अनुमति की तैयारी
वीआईटीएल का प्रयोग मरीजों के इलाज में जल्द से जल्द शुरू हो सके, इसके लिए नासा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्र्रेशन से अनुमति लेने की तैयारी में है। इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. मैथ्यू लेविन ने बताया कि लैब में प्रयोग के दौरान मशीन के बेहतर परिणाम मिले हैं। उम्मीद है कि वीआईटीएल कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होगी।