आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने की फिराक में आतंकी

कालाकोट में गुरुवार को हुई मुठभेड़ से साफ हो गया कि आतंकी संगठन राजोरी और पुंछ जिले में भी माहौल खराब करने की साजिश रच रहे हैं। कालाकोट कभी आतंक का गढ़ रहा है। करीब 10 साल बाद यहां मुठभेड़ हुई, जिसमें सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया। सूत्रों की मानें तो डोडा, किश्तवाड़ और रामबन की तरह ही आतंकी संगठन कालाकोट, नौशेरा, सुंदरबनी और रियासी में पुराने रूट के सहारे आतंकवाद को दोबारा जिंदा करने की फिराक में हैं।
आतंकी सुंदरबनी और नौशेरा से घुसपैठ करके कालाकोट के रास्ते रियासी और बुद्धल की तरफ निकल जाते थे। यहां से कुछ आतंकी रियासी से होकर जम्मू संभाग और कुछ आतंकी बुद्धल से होकर कश्मीर संभाग जाते थे। आतंकी फिर से ऐसा ही करने लगे हैं।
सूत्रों की मानें तो कालाकोट में मारा गया आतंकी उसी ग्रुप का हिस्सा है, जिसने 25 मई को नौशेरा सेक्टर से घुसपैठ की थी। सेना ने इनमें से तीन आतंकियों को घुसपैठ करते ही मार गिराया था। इसके कब्जे से भारी मात्रा में गोला बारूद और 60 से अधिक वस्तुएं बरामद की गई थीं।