धोनी से बेहतर लगते थे कार्तिक

जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ततेंदा ताइबू का मानना है कि मानसिक मजबूती महेन्द्र सिंह धोनी को उनके समकक्ष खिलाड़ियों से अलग बनाती है। इस पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने ‘स्पोर्ट्स रुलर यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘मैंने धोनी को पहली बार तब देखा था जब वह भारत ‘ए’ टीम के साथ आए थे। मुझे लगा कि कार्तिक धोनी से ज्यादा स्वाभाविक है। कार्तिक विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में अधिक स्वाभाविक लगते हैं।’
ताइबू ने इसके बाद धोनी की तकनीकी क्षमता का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘धोनी जब विकेटकीपिंग करते हैं तब भी उनका तरीका थोड़ा अलग होता है। आमतौर पर कीपिंग के समय विकेटकीपरों की दोनों हाथों कि छोटी अंगुली एक साथ रहती है, लेकिन धोनी के साथ ऐसा नहीं है। अपनी अलग तकनीक के बाद भी वह कैच पकड़ते हैं और पलक झपकते ही गिल्लियां बिखेर देते है।’
ताइबू ने कहा कि धोनी की बल्लेबाजी के साथ भी ऐसा ही है। उनकी तकनीक अलग है, लेकिन आंख-हाथ का सामंजस्य और मानसिक मजबूती कमाल की है। उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर अगर आपका तरीका अलग है तो कोच बदलाव लाने के लिए कहते है लेकिन के आंकड़े सबको गलत साबित करते है।’
ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘गिलक्रिस्ट नैसर्गिक बल्लेबाज थे, लेकिन नैसर्गिक विकेटकीपर नहीं थे। वह बल्लेबाजी की तुलना में विकेटकीपिंग का अभ्यास ज्यादा करते थे।’